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ट्रेनों के जरिए हो रही दिल्ली और हावड़ा के बीच मानव तस्करी
अलीगढ़ न्यूज़: मानव तस्करी के लिए बीते सालों में ट्रेन को मुख्य साधन बनाया पर बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने तस्करों के इन मंसूबे पर पानी फेर दिया.गत वर्ष बचपन बचाओ आंदोलन की टीम और आरपीएफ, जीआरपी द्वारा 50 से अधिक नाबालिगों को ट्रेन से उतार कर उनकी घर वापसी कराई गई.यही नहीं टीम द्वारा अलीगढ़ के भट्टों से 182 नाबालिगों को भी मुक्त कराया गया।
बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी को रोकने के लिए बचपन बचाओ आंदोलन की टीम काम कर रही है.बचपन बचाओ टीम द्वारा ही खुलासा किया गया कि ट्रेनों द्वारा तस्करी कर ले जाया जा रहा है.उसी सूचना पर अलीगढ़, कानपुर, टूंडला, प्रयाग राज रेलवे स्टेशन पर जीआरपी, आरपीएफ की मदद से सैकड़ों नाबालिगों को गत वर्ष उतारा गया था.अलीगढ़ में तीन बार में 50 से अधिक नाबालिग उतारे गए थे.जिनके आधार कार्ड फर्जी बनाए गए थे.आधार में नाम पता सब सही थे पर उनकी उम्र बढ़ाकर दिखाई गई.जिसकी जांच में सब फर्जी पाए।
बचपन बचाओ आंदोलन के कार्डिनेटर अरशद मेंहदी ने बताया कि इन बच्चों को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा ऐसे में प्रदेश में ले जाकर बंधुआ मजदूरी कराई जाती है.यह बच्चे कहां काम कर रहे हैं, इनके माता पिता को भी सूचना नहीं होती.ऐसे बच्चों को संस्था बचाते आ रही है।