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बड़ी खबर
कानपुर। दिवाली पर घर जाने वालों की भीड़ ट्रेनों और बसों में शनिवार दोपहर बाद से दिखने लगी। भीड़ का अंदाजा इसी से लगा कि झकरकटी बस अड्डे से जौनपुर, प्रतापगढ़, डुमरियागंज, महाराजगंज रूटों की बसें दस से पंद्रह मिनट में फुल होकर गईं तो बची भीड़ को एक-एक घंटे बसों का इंतजार करना पड़ा। कानपुर से हावड़ा की ओर जाने वाली कालका मेल, महानंदा एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल कोचों में पैर रखने तक की जगह न रही। कंफर्म सीट पाने के लिए यात्री टीटीई और कुली को भी खोजते रहे।
जोधपुर-हावड़ा के टीटीई को वेटिंगधारियों ने घेरा
रेल प्रशासन ने वैसे तो 42 स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कराया है। नियमित ट्रेनों में लंबी वेटिंग की वजह से ये ट्रेनें विकल्प न बन सकी। दिन में लगभग साढ़े तीन बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर आकर रूकी 12307 जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के एसी थ्री कूपे में सीट पाने के लिए भीड़ ने टीटीई को घेर लिया। टीटीई ने कंट्रोल को मैसेज दिया तो आरपीएफ और जीआरपी ने भीड़ से बाहर टीटीई को निकाला। इसके बाद ट्रेन रवाना हो सकी।
तत्काल की सीटें 40 सेकेंड में हो रही फुल
त्योहार पर घर जाने की मजबूरी का असर शनिवार को आरक्षण केंद्रों पर दिखा। सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड आरक्षण केंद्र पर पटना राजधानी के एसी थ्री कूपे का तत्काल टिकट बनवाने के लिए राकेश सिंह ने फार्म दिया। बाबू ने जैसे ही तीन व्यक्तियों का नाम फीड किया और टिकट बनाई तो 40 सेंकेंड बाद ही वेटिंग आ गई। इसका मतलब 10 बजे एसी का तत्काल बुकिंग शुरू हुई तो टिकट 10.42 बजे प्रिंट हो गया था। इसी तरह श्रमशक्ति एक्सप्रेस में 23 अक्तूबर के स्लीपर का टिकट 11 बजे बनवाने को तीसरे नंबर पर लगे रामदास को वेटिंग मिली। यह टिकट भी 11.02 बजे प्रिंट हुआ था।
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