उत्तर प्रदेश

आगरा में गुडविल वाले शीतगृहों पर ही दिख रहा हाउसफुल का बोर्ड

Admindelhi1
4 April 2024 7:45 AM GMT
आगरा में गुडविल वाले शीतगृहों पर ही दिख रहा हाउसफुल का बोर्ड
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आलू उत्पादन घटने से 90 शीतगृह खाली

आगरा: आलू राजा चाब पर हैं. आलू के भाव से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. लेकिन, शीतगृह स्वामियों को झटका लगा है. आलू के कम उत्पादन के चलते जनपद के 90 फीसदी शीतगृह खाली रह जाएंगे. इन पर हाउसफुल का बोर्ड नहीं दिखेगा. 95 फीसदी आलू की खुदाई पुरी हो गई है. अभी तक 10 फीसदी अच्छी गुडविल रखने वाले शीतगृहों पर ही हाउसफुल के बोर्ड लगे हैं. उद्यान विभाग का कहना है कि मंडल में 73.5 फीसदी आलू का भंडारण हुआ है.

देश के आलू उत्पादन में आगरा फीसदी का अहम योगदान निभाता है. यहां के किसान 75 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन करते हैं. इस साल मौसम के बदले मिजाज ने आलू का 30 से 35 फीसदी उत्पादन प्रभावित किया है. स्थिति ये है कि आगरा मंडल में 559 सक्रिय शीतगृह हैं, जिनमें 52.18 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता है. उद्यान विभाग के मुताबिक अभी तक 38.18 लाख मीट्रिक टन भंडारित हुआ है. 73.5 फीसदी भंडारण का अनुपात है. जबकि, पिछले साल इस समय 80 फीसदी से अधिक भंडारण हो चुका था. वहीं, आगरा के 301 सक्रिय शीतगृहों में .35 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता है. इनमें 19.82 लाख मीट्रिक टन आलू भंडारित हुआ है. उपनिदेशक उद्यान धर्मपाल यादव बताते हैं कि बीते साल से आलू उत्पादन कम है. लगभग 95 फीसदी खेतों से आलू की खुदाई हो चुकी है. उन्होंने बताया कि अभी तक 10 फीसदी शीतगृह संचालकों ने शीतगृह हाउसफुल की जानकारी दी है. बोर्ड के फोटो भी ग्रुप पर शेयर किए हैं.

इसी साल से शुरू हो जाएगी रिसर्च

उपनिदेशक उद्यान बताते हैं कि आने वाला समय आगरा के आलू किसानों का है. आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू अमेरिका की शाखा का कार्य इसी सीजन से शुरू हो जाएगा. वे यहां अपना एक कार्यालय भी बनाएंगे. रिसर्च कार्य होगा. ऐसे में यहां के किसानों को पोषक तत्व, मिनरल, बिटामिन, स्वीट पोटेटो की प्रजातियों का बीज मिलेगा. हजारों प्रकार की नस्ल पर रिसर्च होगी. इससे किसान को आलू की सही कीमत मिला करेगी.

उत्पादन कम होने से रेट में है उछाल

कृषि विज्ञान केंद्र बिचपुरी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरएस चौहान बताते हैं कि इस साल आलू की खुदाई में किसानों ने हड़बड़ी नहीं दिखाई है. तसल्ली से फसल की खुदाई की है. खेतों से भी बड़ी मात्रा में किसानों ने आलू की बिक्री की है. शीतगृहों पर भी पिछले साल की भांति इस साल इतनी भीड़ नहीं देखी गई है. जनपद में नये शीतगृहों का भी निर्माण हुआ है. मौसम के बदले मिजाज से उत्पादन कम है. यही कारण है कि किसानों को आलू का भाव ठीक-ठाक मिल रहा है. नवंबर तक अब आलू की कोई नई फसल भी किसी राज्य में नहीं है. नवंबर के महीने में पंजाब का आलू बाजार में आएगा.

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