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मंदसौर। शहर में संचालित व्यवसायिक होटलों में मुसाफिरों को आवासीय सुविधा देने से पहले उनकी पहचान सुनिश्चित करने में कुछ होटल (Hotel) संचालकों द्वारा कोताही बरती जा रही है. होटल (Hotel) संचालकों की यह लापरवाही शहर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए कभी भी गंभीर खतरा व किसी बड़ी घटना का कारण बन सकती है.
शहर में विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर होने के साथ ही हाल ही में गांधी सागर फ्लोटिंग फेस्टिवल का आयोजन भी हो रहा है. जिसमें निश्चित रूप से लोगों का बाहर से आना-जाना चल रहा है. इसके अलावा दो मंत्रियों वाला जिला होने के चलते भाजपा हो या कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी या फिर बड़े ओहदे वाले जनप्रतिनिधियों का आना जाना लगा रहता है. ऐसे में शहर की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहे तथा तथा कोई अप्रिय घटना घटित न हो इसके लिए जरूरी है कि शहर के सभी होटलों में ठहरने वाले मुसाफिरों, व्यक्तियों की ए-टू जेड जानकारी होटल (Hotel) संचालक के रजिस्टर में अंकित होनी ही चाहिए. ताकि जरूरत पडने पर जांच का हिस्सा बन सके, पर इस सबके बावजूद शहर में कुछ होटल (Hotel) व्यवसाय से जुड़े लोग नियमों को ताक पर रखकर मुसाफिरों को होटलों में रुकवा रहे हैं.
दो पर हुआ केस दर्ज
कैलाश मार्ग स्थित होटल (Hotel) में बिना आईडी लिए कमरा दिया. कोई इंट्री भी रजिस्टर में नहीं की गई. पुलिस (Police) ने केस दर्ज किया है. दो दिन पहले पुलिस (Police) ने कैलाश मार्ग स्थित होटल (Hotel) रिलेक्स इन में दबिश दी थी. जांच पड़ताल में सामने आया कि होटल (Hotel) में रुक व्यक्ति का न आईडी कार्ड लिया गया और न ही उसकी कोई इंट्री होटल (Hotel) के रजिस्टर मंग मिली. पुलिस (Police) ने इस मामले में कमल सोनी पिता टीकमचंद सोनी निवासी कोलीवाडी और किशोर पुत्र रमेश रजवानिया निवासी गीताभवन के खिलाफ केस दर्ज किया है.