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बड़ी खबर
कानपुर। पूर्वजों को पानी देने की प्रथा को पूरा करने के लिए इस बार दूसरे जिलों के यजमान भी शहर के घाटों में पहुंच रहे हैं। इससे शहर के सभी घाटों में भीड़ है। पुरोहितों ने भी यजमान के लिए विशेष पूजा व्यवस्था की है। सुरक्षा की दृष्टि से पंडितों ने इस बार घाट पर बल्लियां लगाकर रेडीमेड लकड़ी का चबूतरा बनवा दिया है। इसी पर यजमान को पुरोहित बैठाकर तर्पण कार्य वैदिक मंत्रों के साथ करा रहे है।
अपने पूर्वजों को पानी देने के लिए बिठूर, सरसैया घाट, भगवतदास घाट, भैरोघाट, गोलाघाट, मैस्कर घाट सहित महाराजपुर तक के घाट यजमानों से भरे है। तर्पण की पूजा अर्चना करने के लिए फतेहपुर, उन्नाव, घाटमपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, बिल्हौर सहित कई जगहों से भारी यजमानों की भीड घाटों पर है। पुरोहित संतोष बाजपेई ने बताया कि प्रति वर्ष के भांति इस वर्ष पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए भारी भीड़ घाटों पर आ रही है।
यजमानों को पूरी विधि से पूर्वजों के लिए वैदिक मंत्रों के साथ तर्पण कार्य कराया जा रहा है। बाजपेई ने बताया कि 25 सितंबर तक तर्पण का कार्य होगा। पूजा के बाद यजमान को सारी विधि से अवगत कराया जाता है। पुरोहित शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इन दिनों परिवार के पूर्वज पानी पीने के लिए धरती पर आते है। परिवार के लोग जितनी श्रद्धा से तर्पण का कार्य करते है। पूर्वज उतने प्रसन्न होकर अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देकर जाते हैं।
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