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नोएडा: नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सुरक्षा समूह को जेपी विशटाउन की रुकी परियोजनाओं में निर्माण शुरू करने की अनुमति देने के साथ ही यमुना प्राधिकरण से अगली सुनवाई तक मुद्दे का निपटारा करने को कहा है. यदि दोनों के बीच सहमति नहीं बनती है तो मामले की अगली सुनवाई योग्यता के आधार पर होगी और फैसला सुनाया जाएगा. इससे खरीदारों में आस जगी है.
यमुना प्राधिकरण ने समस्या के समाधान से संबंधित मसौदा शासन को भेजा हुआ है, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. यदि इस समस्या का समाधान होता है तो इस परियोजना में फंसे करीब 20 हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी. प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड की जेपी विशटाउन की परियोजनाओं का सुरक्षा समूह ने 2023 में अधिग्रहण कर लिया था. जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा के लिए 16 करोड़ रुपये आदि मुद्दे को लेकर बातचीत न बनने पर यमुना प्राधिकरण ने एनसीएलटी कोर्ट में चुनौती दी थी. प्राधिकरण ने मांग की थी कि सुरक्षा समूह किसानों को दिए जाने वाले अतिरिक्त मुआवजे के लिए 16 करोड़ रुपये का भुगतान एक बार में करे. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद सुरक्षा समूह कुछ छूट की मांग करते हुए अतिरिक्त मुआवजा देने पर सहमत हो गया था.
यीडा ने कंपनी के मसौदे को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेज दिया, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इसमें मुख्य दावा जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा के लिए 16 करोड़ रुपये को लेकर था. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर रही कंपनी सुरक्षा के पक्ष फैसला देते हुए यमुना प्राधिकरण के कई दावों को अस्वीकार कर दिया था. अब एनसीएलएटी ने जेपी विशटाउन की परियोजनाओं को पूरा करने की अनुमति देने के साथ ही दोनों पक्षों को सहमति बनाने के लिए कहा है.