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मथुरा: हास्य और व्यंग्य के चुटीले काव्य पाठ के साथ जन सांस्कृतिक मंच ने होली मिलन समारोह मनाया।
एक स्थानीय होटल में सम्पन्न हुए कार्यक्रम में काव्य पाठ करते हुए जहाँ ब्रज की प्रेम संस्कृति के रंग में सराबोर रसिया प्रस्तुत किए, वहीं महंगाई और लोकतंत्र जैसे पर विषयों के माध्यम से भी व्यंग्य के रंग खूब बरसे।
काव्य पाठ करते हुए ब्रजभाषा के कवि अटलराम चतुर्वेदी ने वर्तमान स्थिति पर व्यंग्य कसते हुए कहा, मत कर तू सिंगार..ओ, मम्मी मोकूं नेक सजन दै, कवि टिकेन्द्र सिंह शाद ने होली के रंग घोलते हुए कहा, खड़ी रंगीली रंग भरी पिचकारी लेकर, भीगा तन चंदन सी सुगंध घोल रहा है।
होली पर प्यार के रंग समझाते हुए प्रख्यात ग़ज़लकार राहुल गुप्ता ने कहा, जब चले प्यार की बात तो समझो होली है, जब मिले हाथ से हाथ तो समझो होली है। राजेश सोनी ने कहा, इक दूजे के अंग लगें तो होली है, अपनों को करें तंग तो होली है। पत्रकार विवेक दत्त मथुरिया वर्तमान व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि मैं सीखना चाहता हूं, झूट फरेब और बेईमानी। ग़ज़लकार योगेश शर्मा, डॉ धर्मराज आदि ने भी कविता पाठ किया।
काव्य पाठ के बाद सभी ने एक दूसरे के गले मिलकर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।
होली मिलन समारोह में प्रमुख रुप से मौजूद लोगों में डॉ. अशोक बंसल, दीपक गोयल, सुनील आचार्य, रवि प्रकाश भारद्वाज, राकेश भार्गव, मुनीश भागर्व, प्रियंका खंडेलवाल, आकाश दुबे, संजय भटनागर, शैली शाह, साधना भार्गव, राजकिशोर, चन्द्रवीर सिंह वर्मा, दीपक गोयल, आशा गोयल, मुनीश भार्गव, बबिता सारस्वत आदि रहे। समारोह की अध्यक्षता डॉ. आरके चतुर्वेदी ने और संचालन सचिव डॉ. धर्मराज ने किया।