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गोरखपुर डीआईजी बंगले के पास जेएस अस्पताल पर फायरिंग कर दहशत फैलाने का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर सूरज सिंह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। शनिवार को बस्ती तक पुलिस उसके पीछे लगी रही, लेकिन टोल प्लाजा का बैरियर तोड़कर भागने में कामयाब रहा। उधर, पुलिस ने गिरफ्तार विशाल सिंह व विनय यादव को रविवार को कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया।
आरोपी विशाल सिंह हरिहरपुर, बांसगांव का रहने वाला है, जबकि विनय महादेवा, खजनी का निवासी है। जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह सवा चार बजे के करीब डीआईजी बंगले के पास ताबड़तोड़ चार राउंड फायरिंग कर बदमाश फरार हो गए थे।
कुछ ही देर में पुलिस उनकी पहचान कर तलाश में लग गई। पता चला कि हिस्ट्रीशीटर सूरज सिंह, अपने साथी विशाल व विनय के साथ लखनऊ की ओर भाग रहा है। इस सूचना पर कैंट पुलिस ने पीछा शुरू किया तो दूसरी ओर रामगढ़ताल पुलिस को सूचना मिली कि दोनों अलग-अलग गाड़ी से हैं।
आपस में तालमेल कर पुलिस पीछे लगी और फिर दो आरोपियों को कार के साथ अमर उजाला तिराहा के पास दबोच लिया, लेकिन हिस्ट्रीशीटर सूरज सिंह चकमा देकर बैरियर तोड़ते हुए फरार हो गया। पुलिस एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बाद खाली हाथ लौट आई।
यह हुआ था
तारमांडल निवासी आदर्श सिंह डीआईजी बंगला के पास जेएस अस्पताल चलाते हैं। इसकी देखरेख का काम आदित्य सिंह करते हैं। आदित्य सिंह से ही सूरज सिंह का विवाद हुआ था। इसके बाद शनिवार को दो कार से आए बदमाशों ने चार राउंड फायरिंग की थी। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी की खुली पोल, फिर खोली फाइल
हिस्ट्रीशीटर सूरज सिंह ने डीआईजी बंगले के पास फायरिंग कर सनसनी फैलाई तो पुलिस को उसके हिस्ट्रीशीट की याद आई। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने जांच की तो पता चला कि हिस्ट्रीशीटर की रिपोर्ट भेजे दो महीने हो गए थे, लेकिन फाइल नहीं खुली थी।
अब आनन-फानन बेलघाट पुलिस ने शनिवार को फिर से सूरज की हिस्ट्रीशीटर खोली है। लेकिन, इस घटना के साथ ही हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी के पुलिसिया दावों की पोल खुल गई है। अब सवाल उठता है कि अगर वास्तव में हिस्ट्रीशीटरों की पुलिस निगरानी करती तो कैंट या इसके पहले पिपराइच में हिस्ट्रीशीटर अक्षय लाल बच न पाते।
जानकारी के मुताबिक, पिपराइच इलाके के एक गांव में हिस्ट्रीशीटर अच्छेलाल की छेड़खानी से आजिज आकर एक किशोरी ने खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने यह कहकर अपनी गर्दन बचा लिया कि किशोरी के घरवालों ने पहले कभी शिकायत नहीं की थी। लेकिन, पुलिस के निगरानी पर सवाल उठा था।
क्योंकि, वारदात के बाद से अब तक पुलिस उसे दबोच नहीं पाई है। इसके बाद फिर से एक हिस्ट्रीशीटर सूरज ने शहर के डीआईजी के बंगले के पास फायरिंग कर निगरानी पर सवाल खड़ा कर दिया है।
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