उत्तर प्रदेश

सबसे ज्यादा यूरिया खपत शाहजहांपुर में, बरेली छठे पर

Harrison
12 Sep 2023 9:42 AM GMT
सबसे ज्यादा यूरिया खपत शाहजहांपुर में, बरेली छठे पर
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उत्तरप्रदेश | प्रदेश के कई जिलों की मिट्टी में जीवांश कार्बन तेजी से घट रहे हैं, जो खेती के लिए खतरे का संकेत हैं. ऐसा अंधाधुंध यूरिया के प्रयोग से हो रहा है. केंद्र सरकार ने तीन सालों में औसतन यूरिया खपत करने वाले जिलों की रिपोर्ट जारी की है. इसमें प्रदेश में नंबर एक पर शाहजहांपुर है. यहां तीन साल में 229459 मीट्रिक टन यूरिया खपत हुई है.
दूसरे स्थान पर लखीमपुर खीरी ने 207382 मीट्रिक टन, तीसरे पर बदायूं ने 200353 मीट्रिक टन यूरिया खपत की है. प्रयागराज 194403 मीट्रिक टन खपत करके चौथे तो बुलंदशहर 183893 मीट्रिक टन यूरिया खपत कर पांचवे स्थान पर हैं. बरेली छठे नंबर पर है. यहां 168452 मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई है. प्रदेश में तीन वर्ष में सबसे कम यूरिया महोबा ने 17900 मीट्रिक टन की ही खपत की है.
किसान पाठशाला लगेगी किसान पाठशाला, सेमिनार आदि कार्यक्रमों में संयुक्त कृषि निदेशक, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी किसानों को अधिक रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने से होने वाले नुकसान की जानकारी देंगे.
नैनो तरल यूरिया का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर
रासायनिक खादों में सबसे अधिक डीएपी, यूरिया मिट्टी में फेंकी जा रही है. इससे मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण से पशु, मानव व फसलों की हानि हो रही है. इसके चलते सरकार ने एकीकृत तत्व प्रबंधन अपनाते हुए रासायनिक उर्वरकों डीएपी, यूरिया का संतुलित मात्रा में प्रयोग करने व यूरिया की जगह नैनो तरल यूरिया, सल्फर कोटेड यूरिया तथा डीएपी के स्थान पर एसएसपी, एनपीके फास्फेट आर्गेनिक रिच मैन्योर व जैव उर्वरकों को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है.
शाहजहांपुर 229459
लखीमपुर 207382
बदायूं 200353
प्रयागराज 194403
बुलंदशहर 183893
बरेली 168452
अलीगढ़ 158438
मुरादाबाद 121513
आगरा 111558
गोरखपुर 104824
कानपुर 86942
दिए गए लक्ष्य से अधिक यूरिया, डीएपी आदि का इस्तमेाल नहीं किया जा सकेगा. रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए प्रधानमंत्री प्रणाम योजना शुरू की गई है. - धीरेंद्र चौधरी, जिला कृषि अधिकारी
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