उत्तर प्रदेश

मकान ध्वस्त करने के मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी, लठैत की तरह काम न करे पुलिस

Admin4
27 July 2022 5:57 PM GMT
मकान ध्वस्त करने के मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी, लठैत की तरह काम न करे पुलिस
x

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डिक्री के निष्पादन से पहले एसडीएम के आदेश पर एक परिवार को बेदखल कर मकान ध्वस्त करने को गम्भीरता से लिया है। साथ ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस लठैत की तरह काम न करे। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मोहम्मद सईद की द्वितीय अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि पहले तो मजिस्ट्रेट ने दीवानी अदालत की शक्ति को मनमाने ढंग से हड़प लिया और अपीलार्थी को बेदखल कर मकान ध्वस्त करने का आदेश दिया और फिर पुलिस स्क्वायड ने तत्परता दिखाते हुए अवैध कार्रवाई अंजाम दे दी। उन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया।

कोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक व प्रमुख सचिव गृह को अधिकारियों को अपने कर्तव्य का पालन करने का प्रशिक्षण देने के कदम उठाने का निर्देश दिया है। कहा कि जिस पुलिस पर नागरिकों के जीवन संपत्ति की रक्षा का दायित्व है, उन्हीं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने कर्तव्य का पालन न कर मनमानी व अवैध कार्रवाई कर डाली।

कोर्ट ने डीएम बलिया व एसडीएम रसड़ा को तलब करते हुए आदेश के अनुपालन का हलफनामा मांगा है और जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विवादित संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है।

अपीलार्थी को मकान से बेदखल करने का दीवानी मुकदमा चल रहा था।एसडीएम रसड़ा ने बिना किसी डिक्री निस्पादन या अदालती आदेश के कोतवाली पुलिस को मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया।

हाईकोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था। ट्रेनी सीओ/एसएचओ कोतवाली उस्मान, पुलिस चौकी उत्तरी के उप निरीक्षक रवींद्र कुमार पटेल व क्राइम इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम ने डिक्री का पालन करने का निर्देश दिया था, जिस पर मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई है।

मकान को नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने चिह्नित किया था। जबकि एसपी बलिया की रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस जबरन घर में घुसी, गाली गलौज किया और अपीलार्थी के परिवार को बाहर निकाल दिया। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उसे दरोगा ने कोतवाली बुलाया लेकिन उनके कोतवाली पहुंचने से पहले ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा चुकी थी। कोर्ट ने एसडीएम के आदेश को अवैध करार दिया है।

Next Story