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वाराणसी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी की कार्यकारिणी के चुनाव को मान्यता देते हुए इसके खिलाफ दाखिल याचिका रद्द कर दी है. कोर्ट के फैसले से दो जून 2022 को हुए चुनाव में व्योमेश शुक्ला के नेतृत्व वाली कार्यकारिणी को निर्वाचित घोषित किया गया है.
नागरी प्रचारिणी सभा के एक अन्य व्यक्तिकी ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने सुनवाई की. नागरी प्रचारिणी सभा का विवाद वर्ष 2015 से चला रहा था. इसमें दो गुटों ने अपनी अलग-अलग कार्यकारिणी बना ली थी तथा दोनों असली कार्यकारिणी होने का दावा कर रहे थे. यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने वर्ष 2004-2007 की सदस्यता सूची के आधार पर चुनाव कराने का आदेश दिया. नौ जून 2022 को राइफल क्लब में इसका चुनाव कराया गया मगर हाईकोर्ट के आदेश से याचिका पर अंतिम निर्णय होने तक परिणाम घोषित नहीं किया गया था. कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद नौ जून को हुए चुनाव को सही घोषित करते याचिका ़खारिज कर दी है. कोर्ट ने विपक्षी को छूट दी है कि वह किसी अन्य आधार पर लोस चुनाव के बाद सक्षम प्राधिकारी के सामने मामला उठा सकता है. 9 जून, 22 को राइफल क्लब में संस्था के 19 पदों के चुनाव हुए थे. कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने राइफल क्लब में मतगणना कराई, जिसमें कवि व्योमेश शुक्ल संस्था के प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए और शिक्षाविद प्रो. अनुराधा बनर्जी सभापति चुनी गईं थीं.
एसडीएम सदर वाराणसी कोर्ट में 2015 से नागरी प्रचारिणी सभा की प्रबंध समिति का विवाद चला आ रहा था. दो-दो प्रबंध समितियां खुद को असली बताती थीं.
● 2020 में संस्कृतिकर्मी व्योमेश शुक्ल की अपील पर कोर्ट ने उन्हें केस का पक्षकार बनाया.
● कोर्ट ने मार्च 2022 को दोनों प्रबंध समितियों को विधि शून्य घोषित करते हुए 2004-2007 की सदस्यता सूची के आधार पर नया चुनाव कराने का आदेश दिया.
● एक पक्ष ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट दाखिल की. कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए चुनाव तो करा दिया, लेकिन 29 अप्रैल 2022 के आदेश में यह भी लिखा कि इस केस के अंतिम निर्णय के बाद ही तय होगा कि संस्था का ‘प्रभावी नियंत्रण’ किसके पास रहे.
● नौ जून 2022 को राइफल क्लब में चुनाव कराए गए, लेकिन मतों की गिनती नहीं हुई.
● इसी मुकदमे में एक और अंतरिम आदेश के माध्यम से कोर्ट ने मतगणना का आदेश दिया.