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हाईकोर्ट ने प्राधिकरण को महीने भर में रजिस्ट्री कराने और बिल्डर की ईडी जांच के आदेश दिए
नोएडा: सेक्टर-107 स्थित लोटस-300 सोसाइटी के लोगों ने रजिस्ट्री की लड़ाई जीत ली है. हाईकोर्ट ने प्राधिकरण को महीने भर में रजिस्ट्री कराने और बिल्डर की ईडी जांच के आदेश दिए हैं. इससे खरीदारों का रजिस्ट्री का सपना जल्द साकार होने जा रहा है.
सोसाइटी के एओए अध्यक्ष भुवन चतुर्वेदी ने बताया कि सेक्टर-107 में प्राधिकरण से ग्रुप हाउसिंग की जमीन लेकर हैंसिडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) नामक कंपनी ने फ्लैट खरीदारों से लगभग साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये की ठगी कर ली. ठगी करने के बाद कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया. बिल्डर फ्लैट खरीददारों की रजिस्ट्री लंबे समय से नहीं कर रहा था. सोसाइटी की एओए ने इस मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ी है.
अब इलाहाबाद हाईकोर्ट बिल्डर कंपनी एचपीपीएल के मालिक की ईडी जांच का आदेश दिया है. एओए अध्यक्ष भुवन चतुर्वेदी ने बताया कि हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर प्रमोटर्स जांच में सहयोग नहीं करते तो ईडी उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है. हाईकोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भी निर्देश दिया है कि महीने भर के भीतर फ्लैट खरीदारों के पक्ष में रजिस्ट्री की जाए.
हाईकोर्ट ने कंपनी के प्रमोटर निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी, विदुर भारद्वाज और लोट्स 300 अपार्टमेंट एसोसिएशन व अन्य की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर साथ सुनवाई कर उन्हें निस्तारित करते यह हुए आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रमोटर यह दावा नहीं कर सकते कि वह अब कंपनी के अधिकारी नहीं हैं. उनका कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है और कंपनी की देनदारी केवल कंपनी से ही वसूल की जा सकती है. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रमोटरों ने कंपनी का पैसा निकालकर उसे दूसरी कंपनियों में निवेश किया, फिर इस्तीफा देकर कंपनी को दिवालिया घोषित करा दिया. प्रमोटरों ने प्राधिकरण या किसी अन्य द्वारा देनदारी निकालने और कार्रवाई नहीं करने के लिए याचिका दाखिल की थी. जिस पर यह फैसला आया है. इस मामले में सोसाइटी की एओए ने भी हाईकोर्ट में अर्जी दी थी.