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बीते दो दिन से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश का असर नदियों के जलस्तर पर भी दिख रहा है। विभागीय अधिकारियों ने दो-तीन दिन के भीतर यहां से होकर गुजरने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई है। बीते 24 घंटे में चौबारी स्थित रामगंगा नदी का जलस्तर 158.70 बना हुआ है। जो खतरे के स्तर से पांच मीटर नीचे है। जनपद को मुख्य रूप से रामगंगा, कोसी, बहगुल और किच्छा नदियां प्रभावित करती हैं। फलस्वरूप सभी बाढ़ चौकियों को हाईअलर्ट मोड रहने के निर्देश जारी कर दिया है।
शनिवार को किच्छा नदी में करीब 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, लेकिन नदी का स्तर पूरी तरह स्थिर बना हुआ है। बाढ़ खंड की ओर से जलस्तर को लेकर जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घंटे में 24.80 एमएम बारिश दर्ज की गई । जबकि इस महीने की शुरूआत से अब तक कुल 710 .81 बरसात हुई है। फलस्वरूप चौबारी स्थित रामगंगा नदी के जलस्तर में कोई विशेष परिवर्तन नहीं बताया जा रहा है। बारिश के चलते कोसी, बहगुल और किच्छा नदी में औसतन 6 एमएम तक अधिकतम जलस्तर में बढ़ोतरी बताई जा रही है।
बरसात के बाद नदियों में जल की स्थिति
धौरा जलाशय का जलस्तर 212.81 मीटर, बहगुल का 205.925 जो अधिकतम जलस्तर से लगभग 3 मीटर नीचे है। नानक सागर जलाशय का जलस्तर 213.51 है, जबकि जलाशय की अधिकतम सीमा 215.19 निर्धारित है।
सहायक अभियंता अमित किशोर ने कहा कि यहां की नदियों का जलस्तर फिलहाल सामान्य है। आशंका है कि बारिश जारी रही तो दो – तीन दिन में यहां की नदियों का जलस्तर भी बढ़ेगा। इसलिए सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।
न्यूज़क्रेडिट: amritvichar