उत्तर प्रदेश

हाथियों के झुंड ने वृद्ध को कुचलकर मार डाला

Admin4
18 Jan 2023 1:34 PM GMT
हाथियों के झुंड ने वृद्ध को कुचलकर मार डाला
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लखनऊ। प्रदेश के बहराइच जनपद में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में जंगली हाथियों के हमले से एक वृद्ध की मौत हो गई. कुछ दिन पहले भी इसी तरह हाथियों के झुंड ने एक किसान को कुचलकर मार डाला था. हाथियों के हमले में एक महीने में यह यह दूसरी मौत है. इसके बाद ग्रामीण सुरक्षा को लेकर सहमे हुए हैं. उन्हें फसलों के नुकसान का भी डर सता रहा है.
कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत सुजौली थाना क्षेत्र के बिहारी पुरवा निवासी 60 वर्षीय राधेश्याम कुरकुरी कुंआ गांव निवासी अपने दोस्त रामजीत वर्मा के यहां रहता था. मंगलवार देर शाम को वह कारीकोट माता मंदिर में चल रही शिव कथा को सुनने गया था. रात लगभग दस बजे कथा समाप्त होने के बाद राधेश्याम पड़ोस के लोगों के साथ वापस घर के लिए लौट रहा था. उसक साथ के लोग चौराहे से अपने घरों की ओर चले गए. इसके बाद राधेश्याम गांव के लिए अकेले जा रहा था. इसी दौरान चमन चौराहा पुल के पास जंगली हाथियों के झुंड ने उसे घेर लिया.
राधेश्याम के शोर मचाने पर लोग मौके पर पहुंचे. लेकिन हाथियों के झुंड राधेश्याम को सूड़ में लपेटकर बार-बार पटक रहा था. ग्रामीणों के शोर मचाने और टार्च से रोशनी करने के बाद भी हाथियों ने राधेश्याम को नहीं छोड़ा.और उसे पैरों से रौंद कर मार डाला. इसके बाद हाथियों का झुंड ग्रामीणों की तरफ बढ़ने पर उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई.
सूचना पर बाद में पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी वीके मिश्रा और थाना प्रभारी सुजौली राजेश कुमार दलबल ने किसी तरह हाथियों के बीच से शव को बाहर निकाला. इसके बाद हाथी आधी रात तक चिंघाड़ते हुए मौके पर खेतों को तहस-नहस करते रहे. ग्रामीणों के मुताबिक हाथी आधी रात के बाद जंगल की ओर गए. बाद में पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. इससे पहले विगत 10 जनवरी को कतर्नियाघाट रेंज के ही बर्दिया गांव निवासी सुरेश को खेत की रखवाली के दौरान हाथियों ने कुचलकर मार डाला था. दो घटनाओं के बाद अब ग्रामीण बेहद डरे हुए हैं. वहीं उनमें घटना को लेकर आक्रोश भी है.
हाथियों के अचानक इस तरह से आने के कारण उनकी फसलों का भी नुकसान हो रहा है. उधर वन विभाग इस घटना के बाद हाथियों को क्षेत्र से भगाने के लिए एक टीम लगा रहा है, ये टीम हाथियों को घने जंगलों की ओर भगाएगी. हालांकि इसके बाद भी ग्रामीणों को हाथियों के झुंड के वापस आने का डर सता रहा है. इस रास्ते नेपाल से जंगली हाथियों के झुंड अक्सर भारतीय वन क्षेत्र में दाखिल होकर यहां कई दिनों तक रहा करते हैं.
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