उत्तर प्रदेश

पोषण वाटिकाओं से भी मिलती है मदद, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निभा रहीं अहम भूमिका

Admin Delhi 1
5 Jan 2023 9:58 AM GMT
पोषण वाटिकाओं से भी मिलती है मदद, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निभा रहीं अहम भूमिका
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सहारनपुर: जिले में कुपोषण का शिकार हुए बच्चों की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। जिन गांवों के कुपोषित बच्चों को अधिकारियों ने गोद लिया है, उनमें से बड़ी संख्या में स्वस्थ हो चुके हैं। बाकी की सेहत के लिए आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं के जरिये कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में निरंतर प्रयत्न जारी है। सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में विभागीय स्तर पर पूरे प्रयास किये जा रहे हैं ।

यही वजह है कि पिछले साल दिसंबर माह में कुल 11 सौ बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। नए साल में भी कुपोषित बच्चों को सेहतमंद करने का उपक्रम जारी है। जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया कि जनपद में कुल कुपोषित बच्चों की संख्या 7825 थी, जिनमें से पिछले साल के दिसंबर आखिर तक में 11 सौ बच्चों को कुपोषण से मुक्ति मिल गयी है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी अखिलेश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार, जिला पंचायती राज अधिकारी आलोक शर्मा व उनके सहित 26 अफसरों ने कुल 619 बच्चों को गोद लिया है।

उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि नागल विकास खंड के गांव सोहनचिड़ा को उन्होंने गोद लिया था। सोहनचिड़ा गांव की बालिका आयशा (परिवर्तित नाम) को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने सुपोषित करने के लिए पुष्टाहार उपलब्ध कराया। मां-बाप को उचित देखभाल के लिए प्रेरित किया। नतीजा यह रहा कि आयशा अब पूरी तरह स्वस्थ है। बेहट क्षेत्र के गंदेवड़

गांव को भी एक अधिकारी ने गोद लिया। यहां तीन बच्चे कुपोषित थे। लेकिन, अब सभी स्वस्थ हैं। दरअसल, विभाग की ओर से पोषण किट समय पर उपलब्ध करा कर बच्चों के मां-बाप को भी सेहत के प्रति संजीदा किया जाता है। जनपद में कुल 3410 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें 1830 पोषण वाटिकाएं तैयार की गई हैं। इन पोषण वाटिकाओं की खासियत यह ह कि इनमें साग-सब्जी के साथ फलों के पेड़ भी हैं।

कुपोषण भगाने में इन पोषण वाटिकाओं में पैदा होने वाली हरी पत्तेदार सब्जियां, फल वगैरह से भी काफी मदद मिलती है। इसे लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा हर बच्चों का वजन, उनके खान-पान, पोषण किट देने के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मां-बाप को भी सेहत के प्रति जागरूक करती हैं। किस अधिकारी ने कितने गांव लिए गोद जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने तीन गांव, मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार ने तीन गांव, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने तीन गांव, जिला कृषि अधिकारी ने तीन गांव, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दो गांव, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने तीन गांव गोद लिए हैं।

पहले के मुकाबले गोद लिए गांव में कुपोषित बच्चों की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। विभागया स्तर पर प्रयत्न जारी है। उम्मीद है कि नए साल में बच्चों को काफी हद तक कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सकेगी।

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