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वाराणसी न्यूज़: बीएचयू के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर में कार्यरत वैज्ञानिक डॉ. गरिमा जैन के स्टार्टअप को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के 'अमृतग्रैंड चैलेंज प्रोग्राम-जन केयर' से अनुदानित किया गया है. टेलीमेडिसिन, डिजिटल हेल्थ, बिग डेटा, एआई और ब्लॉक चेन के क्षेत्र में चुने गए 75 स्टार्टअप इनोवेशन में डॉ. जैन का स्टार्टअप एक है.
विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि 'देश को डॉ. गरिमा जैन जैसे कई और वैज्ञानिकों की आवश्यकता है. सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स के समन्वयक प्रो. परिमल दास ने कहा कि डॉ. गरिमा की परियोजना के साथ अब सेंटर ने उद्यमिता के क्षेत्र में कदम बढ़ा लिया है.
कैंसर जीनोमिक्स की विशेष हैं डॉ. जैन कैंसर जीनोमिक्स में विशेषज्ञता रखने वालीं डॉ. जैन ने 'मिरनाउ' नामक स्टार्ट अप शुरू किया है. यह कैंसर और हृदय रोगों के लिए तेज, आसान और व्यक्तिगत निदान पर काम कर रहा है. वित्तीय सहायता मिलने पर उत्साहित डॉ. गरिमा जैन ने कहा कि 'मिरनाउ' शुरुआती नैदानिक समाधानों की खोज के लिए समर्पित है. अनुदान का इस्तेमाल प्रोस्टेट कैंसर का शीघ्र पता लगाने की प्रक्रिया की खोज के लिए होगा. वर्तमान में इसे बायोप्सी से पता लगाया जाता है. नयी प्रक्रिया के अंतर्गत माइक्रो आरएनए की मौजूदगी को मशीन अथवा प्रौद्योगिकी की सहायता से पता लगाने पर काम किया जाएगा.