उत्तर प्रदेश

खाने में गेहूं की एलर्जी से भी घट रही बच्चों की लम्बाई

Admin Delhi 1
10 Oct 2023 6:16 AM GMT
खाने में गेहूं की एलर्जी से भी घट रही बच्चों की लम्बाई
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लखनऊ: माता-पिता दोनों लंबे या औसत कद के हैं और बच्चे की लंबाई नहीं बढ़ रही है तो सतर्क हो जाएं. पोषक तत्वों की कमी या गेहूं की एलर्जी से बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित हो सकता है. पेट में दर्द, दस्त, सूजन, गरारे की आवाज, अवसाद आदि लक्षण एक माह से अधिक समय तक रहे तो पेट रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. यह जानकारी गोमतीनगर में इंडियन सोसाइटी ऑफ गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी की कान्फ्रेंस में बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल में गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ. देवेश प्रकाश यादव ने दी. कॉन्फ्रेंस में देश भर के नामचीन डॉक्टर अपनी राय रखेंगे और आधुनिक इलाज से रू-ब-रु कराएंगे. डॉ. देवेश ने कहा कि गेहूं से संबंधित बीमारी तीन तरह की होती है. इसमें गेहूं से होने वाली एलर्जी शामिल है. इससे करीब एक प्रतिशत आबादी पीड़ित है. दूसरी सीलिएक है, इससे भी एक फीसदी आबादी परेशान है. तीसरा गैर-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता है. इससे करीब 20 प्रतिशत लोग परेशान हैं.केजीएमयू गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ. सुमित रुंगटा ने कहा कि पेट संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं.

युवाओं में बढ़ रहा पेट का कैंसर डॉ. पुनीत मेहरोत्रा ने कहा कि खानपान और बेढंगी जीवनशैली से फैटी लिवर की परेशानी हो रही है. पेट में कैंसर के मामलों में भी इजाफा हो रहा है.

अच्छी सेहत के लिए जीवनशैली में सुधार लाएं पाठक

कॉन्फ्रेंस के अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि जैसे-जैसे इंसान तरक्की कर रहा है. वैसे वैसे जीवनशैली में तेजी से बदलाव आ रहा है. इससे बीमारियों में भी इजाफा हुआ है. इससे बचने के लिए जीवनशैली में सुधार लाना जरूरी है. सेहत प्रकृति की सबसे बड़ी नेमत है, ऐसे में हमें प्रकृति से दूर जाने की जरूरत नहीं है. डिप्टी सीएम ने कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं तेजी से सुधर रही हैं. नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. नए विभाग खोले जा रहे हैं. आधुनिक मशीनें स्थापित की जा रही हैं.

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