उत्तर प्रदेश

अनेक जिलों में भारी बारिश, दशहरा कार्यक्रमों में पड़ा खलल, दुकानदार हुए निराश

Admin4
5 Oct 2022 2:01 PM GMT
अनेक जिलों में भारी बारिश, दशहरा कार्यक्रमों में पड़ा खलल, दुकानदार हुए निराश
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नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है. बुधवार को राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में भारी बारिश इस कदर बारिश हुई, कि दशहरा त्यौहार पर ही संकट आ गए. मंगलवार रात से ही बारिश होनी शुरू हो गई है, जो अभी तक जारी है. भारी बारिश के बाद दशहरा कार्यक्रम में खलल पैदा हो गई है. दशहरे के दिन हुई बारिश के कारण कानपुर, लखनऊ तथा कई अन्य जिलों में जगह जगह रावण दहन स्थलों पर पानी भर गया जिसकी वजह से दशहरा के कार्यक्रमों में खलल पड़ा.
बहराइच में सबसे ज्यादा बारिश
आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है. इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटों के दौरान बहराइच में सबसे ज्यादा 11 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई. इसके अलावा भिनगा (श्रावस्ती) में 10, ज्ञानपुर भदोही में छह, जौनपुर, कानपुर तथा महोबा में चार-चार, कुलपहाड़ (महोबा), मौदहा (हमीरपुर), कर्नलगंज (गोंडा), इकौना (श्रावस्ती), सलेमपुर (देवरिया), हंडिया (प्रयागराज), जमानियां (गाजीपुर), तुर्तीपार (बलिया) तथा बलरामपुर में तीन तीन सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई.
दशहरा कार्यक्रमों में पड़ा गहरा असर
राजधानी लखनऊ तथा आसपास के विभिन्न जिलों में आज सुबह से ही बारिश का सिलसिला शुरू हो गया. प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस बारिश के कारण दशहरा कार्यक्रमों के आयोजन पर बुरा असर पड़ा. कई स्थानों पर दहन के लिए खड़े किए गए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के कागज के बने पुतले पानी पड़ने से गीले हो गए. अगले तीन दिनों तक प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में ज्यादातर स्थानों पर तथा पश्चिमी इलाकों में कई जगहों पर बारिश होने की संभावना है और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है.
'रावण' पुतलों को पहनाया 'रेनकोट'
दशहरे पर रावण के पुतले को श्रीराम के बाण से पहले ही इंद्र के बाणों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश की वजह से कई जगहों पर रावण के पुतले भीग गए हैं. बारिश से रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को बचाने के लिए मेला आयोजक तरह-तरह के उपाय करते हुए दिखाई दिए. कानपुर के साकेत नगर रामलीला मैदान में आयोजकों ने रावण के पुतले को भीगने से बचाने के लिए उसके ऊपर पॉलीथीन लपेट दी. कई जगहों पर तिरपाल के नीचे पुतले छिपाकर रखे गए.
मेला के दुकानदार भी निराश हुए
मेला प्रांगण में दुकान लगाने के लिए व्यापारी अच्छी-खासी रकम आयोजकों को देते हैं. अब बारिश की वजह से उनको तगड़ा नुकसान हो गया है. बारिश में व्यापारियों का माल भीग गया और मेला प्रांगण में पानी-कीचड़ की वजह अब ग्राहक भी नहीं पहुंच रहे हैं. इस तरह से व्यापारियों को इस बार दोहरी मार पड़ी है. पुतले बनाने वाले भी मायूस हैं. दरअसल दशहरा पर लोग घरों में भी पुतले खरीदकर ले जाते हैं और रात में जलाते हैं. लेकिन अब बारिश की वजह गीले-भीगे हुए पुतले कोई खरीद नहीं रहा है.
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