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उत्तर प्रदेश
ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति पर सुनवाई पूरी, आज आएगा फैसला
Renuka Sahu
7 Jun 2022 1:41 AM GMT
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फाइल फोटो
ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने की जानकारी के बाद भी वजू कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने के संबंध में मुकदमा दर्ज करने की मांग के मामले में सोमवार को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। इसकी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने की जानकारी के बाद भी वजू कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने के संबंध में मुकदमा दर्ज करने की मांग के मामले में सोमवार को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। इसकी पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश के लिए मंगलवार की तिथि तय की है।
वादी राजा आनंद ज्योति सिंह की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव व ज्ञानप्रकाश सिंह ने वाद दायर कर सीआरपीसी 156-3 के तहत अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन, प्रबंध समिति समेत एक हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग होने की जानकारी के बाद हाथ पैर धोने, वजू करने से हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। वादी पक्ष ने अदालत में बताया कि इस मामले में पुलिस के अधिकारियों से शिकायत की गई, मगर उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। सभी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश के लिए मंगलवार की तिथि तय की है।
ये है मामला
वादी राजा आनंद ज्योति सिंह की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव व ज्ञानप्रकाश सिंह ने वाद दायर कर सीआरपीसी 156-3 के तहत अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन, प्रबंध समिति समेत एक हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग होने की जानकारी के बाद हाथ पैर धोना, थूकना और वजू करने से हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावना आहत हुई है। वादी पक्ष ने अदालत में बताया कि इस मामले में पुलिस के अधिकारियों से शिकायत की गई, मगर उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति पर भी सुनवाई
ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति को लेकर अनशन कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के जिला जज की अदालत में दाखिल श्री आदि विश्वेश्वर की पूजा-पाठ, राग-भोग की अनुमति के प्रार्थना पत्र पर सोमवार को प्रभारी जिला जज अनुतोष शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई।
जिसमें दलील दी गई कि भगवान भूखे नहीं रह सकते। वादी को राग-भोग और पूजन-अर्चन का अधिकार दिया जाय या किसी भी पुजारी को यह अधिकार दिया जाय। कहा गया कि अर्जेंट वाद के लिए वादी ने राग-भोग और पूजन-अर्चन की मांग को लेकर अन्न-जल त्याग दिया है। कोर्ट में अरुण कुमार त्रिपाठी, रमेश उपाध्याय, चंद्रशेखर सेठ,धीरेंद्र नाथ शर्मा आदि ने पक्ष रखा। अदालत ने कहा कि ज्ञानवापी से जुड़े मामले की सुनवाई जिला जज कर रहे हैं। ऐसे में यह मामला उन्हीं के समक्ष पेश किया जाय। जिला जज सोमवार तक अवकाश पर हैं। ऐसे में यह मामला अब मंगलवार को उनके समक्ष पेश हो सकता है।
शिवलिंग पर पूजा की मांग को लेकर होगी शिव कारसेवा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने ज्ञानवापी के लिए कारसेवा का एलान किया है। डॉ. तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को आदिविश्वेश्वर मानते हुए उनकी अविलंब पूजा-अर्चना के लिए वह शिव कारसेवा करेंगे। शिव कारसेवा 15 जून के बाद किसी भी दिन शुरू हो जाएगी। कारसेवा में शामिल होने के लिए काशी के सभी मंदिरों के महंत और तीर्थ पुरोहितों को आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा। मिर्जापुर के तीर्थ पुरोहित और प्रमुख मंदिरों के महंत भी आमंत्रित किए जाएंगे।
रविवार को जारी बयान में डॉ. कुलपति तिवारी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा-सेवा अविलंब आरंभ होनी चाहिए। पूजा अर्चना शुरू हो इसी उद्देश्य से मैं शिव कारसेवा करने जा रहा हूं। इस कारसेवा के अंतर्गत शहर की सड़कों पर कोई भीड़-भाड़ इकठ्ठा नहीं होगी। न ही कोई शिव भक्त ज्ञानवापी परिसर में जाकर पूजा अर्चना करने की जिद करके अदालत की कार्रवाई में कोई बाधा उत्पन्न करेगा।
सभी शिवभक्त अस्सी से आदिकेशव घाट तक जलमार्ग से शिव कारसेवा करेंगे। डॉ. तिवारी ने कहा है कि मेरा उद्देश्य ज्ञानवापी परिसर में पहुंचकर अदालत के आदेश की अवमानना करना नहीं है बल्कि मेरा लक्ष्य यह है कि जो शिवलिंग साढ़े तीन सौ साल से भी अधिक समय बाद प्रकट हुआ है, उसका राग-भोग, पूजा-शृंगार अविलंब आरंभ हो जाना चाहिए।
अपना पक्ष रखने के लिए शिव कारसेवा को जलमार्ग से निकालना तय किया गया है। 15 जून के बाद किसी भी दिन शिव भक्त नौकाओं पर सवार होकर शिव भजन करते हुए अस्सी से आदिकेशव घाट तक जाएंगे। जलमार्ग से निकाली जाने वाली यह शिव कारसेवा यात्रा पुन: अस्सी घाट पहुंच कर समाप्त होगी।
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