- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- सामूहिक नरसंहार के...
x
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बेहमई में हुए सामूहिक नरसंहार के मुकदमें में नई कोर्ट के सामने सोमवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने पत्रावली में सभी आरोपितों के शिनाख्त मेमों ने होने की बात दोहराई। जबकि अभियोजन ने कोर्ट मे ट्रायल हो रहे आरोपितों के शिनाख्त मेमों पत्रावली में उपलब्ध होने की बात कही। मामले में कोर्ट ने पत्रावली का मुआयना करने के लिए समय देने के साथ ही अब सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तारीख नियत की है।
राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में दस्यु फूलनदेवी के गिरोह ने 14 फरवरी 1981 को बीस लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जबकि सात लोग डकैतों की गोलियों से घायल हुए थे। कानूनी दांव पेंच के चलते 41 साल बीतने के बाद भी इस मामले में कानूनी दांव पेंच के चिलते फैसला नहीं हो पा रहा है। जबकि फैसले का इंतजार करते हुए इस मुकदमें के वादी राजाराम सिंह व जंटरसिंह सहित अधिकांश गवाहों की मौत हो चुकी है। वहीं, दस्यु से सांसद बनी फूलन देवी सहित कई डकैत भी इस दुनियां में नहीं हैं। जबकि दो फरार डकैतों को पुलिस अभी तक सुराग तक नहीं पा सकी है। स्पेशल जज एंटी डकैती कोर्ट में सोमवार को आरोपित विश्वनाथ के वकील गिरीश नारायण ने अपना पक्ष रखते हुए मुकदमें के सभी आरोपितों के शिनाख्त मेमो पत्रावली में उपलब्ध न होने की बात दोहराई। जबकि शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने कोर्ट को बताया कि इस मुकदमें में दो आरोपित फरार चल रहे हैं, जबकि अन्य की मृत्यु हो चुकी है।source-hindustan
Next Story