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उत्तर प्रदेश
उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत बुलडोजर एक्शन पर रोक लगवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
Admin2
16 Jun 2022 6:24 AM GMT

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से कानून-व्यवस्था का माखौल उड़ाने वालों के खिलाफ योगी आदित्यनात सरकार बेहद सख्ती से पेश आ रही है। इसी क्रम में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जेल भेजने की मांग को लेकर भड़की हिंसा के आरोपितों की संपत्तियों पर भी बुलडोजर चलाया जा रहा है। सरकार की इस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए सीधा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की अर्जी पर की न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ सुनवाई करेंगे।
उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार के बुलडोजर चलवाने का विरोध होने लगा है। इसको लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। बीते दिनों नुपूर शर्मा के बयान के विरोध में कानपुर के साथ ही अन्य शहरों में काफी उपद्रव तथा हिंसा के आरोपितों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार बेहद सख्त हो गई है। कानपुर में जफर हयात के बाद में प्रयागराज में मुख्य आरोपित जावेद अहमद उर्फ पंप का घर जमींदोज किया गया है।
इसी तरह की कार्रवाइ अन्य आरोपितों के खिलाफ प्रस्तावित है। सरकार की इस कार्रवाई के विरोध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के कार्रवाई हो रही है। बुलडोजर चलवाने का निर्देश देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है। जमीयत उलेमा ए हिंद की लीगल सेल के सचिव गुलजार अहमद आजमी की ओर से दाखिल याचिका में बताया गया है कि पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में तीन जून को कानपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। उनकी हिंदू समुदाय के लोगों से झड़प हुई। उसके बाद दोनों समुदाय के लोगों ने पथराव किया, लेकिन प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की। एक वर्ग से जुड़े लोगों के मकानों पर बुलडोजर चलाए गए।
सोर्स-jagran
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