उत्तर प्रदेश

मुख्तार अंसारी से जुड़े 2 मामलों में नहीं हो सकी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई, ये है वजह

jantaserishta.com
20 April 2022 11:34 AM GMT
मुख्तार अंसारी से जुड़े 2 मामलों में नहीं हो सकी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई, ये है वजह
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़े दो मामलों में बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी. दरअसल, जस्टिस राजीव गुप्ता ने खुद को ही सुनवाई से अलग कर लिया है. अब दोनों मामले चीफ जस्टिस के पास भेज दिए गए हैं. चीफ जस्टिस किसी नई बेंच को दोनों मामलों की सुनवाई के लिए नामित करेंगे.

एक मामला 2012-13 में विधायक निधि में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा है. इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी, जिसे मुख्तार अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मुख्तार ने चार्जशीट को रद करने की मांग की थी.
मुख्तार की तरफ से कहा गया था कि 17 सालों से वह जेल में बंद है. उसकी तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है. उसने जो सिफारिशें की थीं और जिन स्कूलों को विधायक निधि के पैसे दिए थे, उसकी सत्यता जांचने का काम जिला प्रशासन का था. जेल में रहते हुए वह सच्चाई नहीं जान सकता था.
मुख्तार के खिलाफ दूसरा मामला आजमगढ़ के तिर्वा थाने में गैंगस्टर ऐक्ट के तहत दर्ज केस से जुड़ा है. मुख्तार ने इस मामले में जमानत अर्जी दाखिल की थी.
दोनों मामलों की सुनवाई जस्टिस राजीव गुप्ता की सिंगल बेंच में होनी थी लेकिल उन्होंने खुद को दोनों मामलों से अलग कर लिया है. विधायक निधि से जुड़े मामले में 2 मई और जमानत अर्जी पर 28 अप्रैल को सुनवाई होगी.
मुख्तार अंसारी को एक साल पहले पंजाब से बांदा जेल शिफ्ट किया गया था. तब से वह यहां की तन्हाई बैरक में बंद है. जेल प्रशासन मुख्तार की तन्हाई बैरक सहित आसपास के इलाके की नगरानी सीसीटीवी और सुरक्षा स्टाफ द्वारा करता है. इसकी मॉनिटरिंग लखनऊ मुख्यालय से भी की जाती है. मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में पता चला था कि बांदा जेल से मुख्तार की पेशी की खबर लीक हो गई है, जिसके बाद हाई लेवल इंक्वॉयरी बैठाकर सात दिन में जांच रिपोर्ट तलब कर ली गई थी.


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