उत्तर प्रदेश

अजय मिश्रा टेनी खिलाफ हाईकोर्ट में नहीं हो सकी सुनवाई

Shantanu Roy
6 Sep 2022 11:53 AM GMT
अजय मिश्रा टेनी खिलाफ हाईकोर्ट में नहीं हो सकी सुनवाई
x
बड़ी खबर
लखनऊ। लखीमपुर खीरी में 22 साल पहले हुए प्रभात हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपी अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दाखिल राज्य सरकार की अपील पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। आज जब मंगलवार को मामला सुनवाई के लिए आया तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि स्थानांतरण प्रार्थना पत्र को खारिज किए जाने के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। बता दें कि केन्द्र सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई।
यह मामला 22 वर्ष पहले छात्र नेता प्रभात गुप्ता की हत्या का है। जिसमें मंत्री अजय मिश्रा टेनी को आरोपी करार दिया गया था। इस मामले में आज अनुरोध किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के पश्चात ही वर्तमान अपील की सुनवाई की जाए। न्यायालय ने भी इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तिथि नियत कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की खंडपीठ ने पारित किया।
क्या है प्रभात हत्याकांड?
लखीमपुर खीरी के प्रभात गुप्ता के पिता ने आरोप लगाया था कि 8 जुलाई 2000 को पहले अजय मिश्रा ने प्रभात की कनपटी पर गोली मारी। उसके बाद दूसरे आरोपी ने सीने पर गोली मारी। जिससे मौके पर ही प्रभात की मौत हो गई। प्रभात गुप्ता हत्याकांड 22 वर्ष पुरानी घटना है। 8 जुलाई 2000 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कस्बे में प्रभात गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के पिता संतोष गुप्ता ने आरोप लगाया था कि 8 जुलाई को तिकुनिया थाना क्षेत्र के बनवीरपुर गांव में दिन में लगभग साढे तीन बजे प्रभात गुप्ता को दिनदहाड़े गोली मारी गई। आरोप है पहली गोली अजय मिश्रा ने उसकी कनपटी पर मारी, दूसरी गोली सुभाष मामा ने सीने में मारी। इसके बाद प्रभात गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई।
एफआईआर में अजय मिश्रा टेनी समेत चार लोगों शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा को नामजद किया गया था। प्रभात गुप्ता हत्या मामले में अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू हुई थी लेकिन बाद में कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगा दिया। हाई कोर्ट में जस्टिस डीके त्रिवेदी ने 5 जनवरी 2001 को टेनी को गिरफ्तारी पर लगी रोक को खारिज कर दिया था। इसके बाद दस मई 2001 को हाई कोर्ट में जस्टिस नसीमुद्दीन की बेंच ने टेनी की गिरफ्तारी का आदेश दिया। आदेश के मद्देनजर 25 जून 2001 को टेनी ने सरेंडर किया और अगले ही दिन यानी 26 जून 2001 को इस केस में उन्हें जमानत मिल गई। निचली अदालत ने 29 अप्रैल 2004 को अजय मिश्र समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। अगले 14 वर्ष तक लखनऊ हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई थी।
Next Story