उत्तर प्रदेश

ताजमहल के 22 बंद कमरों को खोलने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई शुरू

Renuka Sahu
12 May 2022 6:28 AM GMT
Hearing begins in Lucknow Bench of Allahabad High Court on petition to open 22 closed rooms of Taj Mahal
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फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश के आगरा में ताजमहल में बंद 22 कमरों को खोलने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई शुरू हो गयी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) में ताजमहल में बंद 22 कमरों को खोलने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई शुरू हो गयी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad highcourt) की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई है कि ताजमहल में बंद 22 कमरों को खोला जाए ताकि लोगों को पता चल सके कि इन 22 बंद कमरों में क्या है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दलील दी है कि आरटीआई (RTI) दाखिल करके उन्होंने इस बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की थी कि इन 22 कमरों किया है और क्यों इन्हें बंद किया गया है. लेकिन याचिकाकर्ता जवाब से संतुष्ट नहीं हैं और जिसके बाद उन्होंने कोर्ट दरवाजा खटखटाया है.

याचिकाकर्ता अयोध्या के भारतीय जनता पार्टी नेता रजनीश सिंह ने बताया कि जब उन्होंने इन कमरों को लेकर आरटीआई से जानकारी प्राप्त करनी चाही तो उन्हें बताया गया कि सुरक्षा कारणों से 22 कमरों को बंद कर दिया गया है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इतिहासकार और हिंदू संगठन कहते रहते हैं कि 22 बंद कमरों के अंदर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं और अगर ऐसा है तो सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए. लिहाजा उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की गई है. ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके. अभी इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है. लिहाजा सबकी नजर अब कोर्ट के फैसले पर लगी है.
बीजेपी सांसद बोली- हमारी जमीन पर बना है ताजमहल
राजसाथान से बीजेपी की सांसद दीया कुमारी ने भी ताजमहल मामले में नया बयान दिया है और कहा कि ताजमहल उनकी जमीन पर बना है. असल में ताजमहल के 22 बंद कमरों को लेकर चल रहे विवाद के बीच इस बयान को भी अहम माना जा रहा है. सांसद दीया कुमारी ने कहा कि ताजमहल की जमीन हमारे वंशजों की थी और ताजमहल दरअसल तेजो महल पैलेस था जिस पर शाहजहां ने कब्जा किया था.
दस्तावेज पेश करेगा शाही परिवार
सांसद दीया कुमारी ने कहा कि अगर कोर्ट आदेश देता है तो शाही परिवार इससे जुड़े दस्तावेज भी पेश करेगा और उन्होंने कहा कि जयपुर राज परिवार ट्रस्ट के पास भू-अभिलेख भी हैं. उन्होंने कहा कि ये उनके पूर्वजों की भूमि थी और अब वह और उनका परिवार अदालत में याचिका दाखिल करने पर विचार कर रहा है.
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