उत्तर प्रदेश

18 जुलाई को होगी अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ सुनवाई

Renuka Sahu
12 July 2022 6:24 AM GMT
Hearing against the decision of the sessions court in the Ayodhya disputed structure demolition case will be held on July 18
x

फाइल फोटो 

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए, अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामला, सत्र अदालत, सुनवाई तिथि, हाईकोर्ट, उत्तर प्रदेश न्यूज़, जनता से रिश्ता हिंदी न्यूज़, हिंदी न्यूज़, jantaserishta hindi news, Ayodhya Disputed Structure Demolition Case, Sessions Court, Hearing Date, High Court, Uttar Pradesh News,

की लखनऊ बेंच में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी। याचिका में सभी 32 अभियुक्तों को दोषी करार दिये जाने की भी मांग की गई है।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ के समक्ष अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद व सैयद अखलाक अहमद की ओर से दाखिल उक्त याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए पेश हुई। हालांकि याचियों की ओर से मामले को किसी अन्य दिन सुने जाने का अनुरोध किया गया। इस पर न्यायालय ने 18 जुलाई की तिथि नियत करते हुए, यह भी स्पष्ट किया है कि अगली तारीख पर मामले की सुनवाई टाली नहीं जाएगी। साथ ही याचिका को शुरू के दस मामलों में ही सूचीबद्ध करने का भी निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत, अयोध्या प्रकरण ने 30 सितम्बर 2020 को निर्णय पारित करते हुए, विवादित ढांचा विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, लोक सभा सदस्यों साक्षी महाराज, लल्लू सिंह व बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था। वर्तमान याचिका में कहा गया है कि दोनों याची उक्त मामले में न सिर्फ गवाह थे बल्कि घटना के पीड़ित भी हैं।
उन्होंने विशेष अदालत के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल कर खुद को सुने जाने की मांग भी की थी लेकिन विशेष अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। याचियों का यह भी कहना है कि केंद्र की बीजेपी सरकार के दबाव में सीबीआई ने सत्र अदालत के फैसले के विरुद्ध अपील नहीं दाखिल की जबकि कई मुस्लिम संगठनों ने सीबीआई को अपील दाखिल करने के लिए अनुरोध किया था।
Next Story