उत्तर प्रदेश

गर्भवती की मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, दो अवैध अस्पतालों को किया सील

Kajal Dubey
30 July 2022 4:00 PM GMT
गर्भवती की मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, दो अवैध अस्पतालों को किया सील
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फिरोजाबाद के एक नर्सिंग होम में शुक्रवार को गर्भवती महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने हंगामा किया। लोगों का गुस्सा देखकर चिकित्सक और कर्मचारी भाग गए। गुस्साए लोगों ने तोड़फोड़ भी की। सूचना पर रसूलपुर थाने की पुलिस पहुंची और आक्रोशित लोगों को शांत कराया। महिला के शव का पोस्टमार्टम पैनल के माध्यम से कराया गया है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया। इसके अलावा एक और अस्पताल पर कार्रवाई की गई। तीन अस्पतालों को नोटिस दिए गए।
रामनगर चंद्रवार गेट निवासी चांदनी (24) गर्भवती थी। शुक्रवार शाम को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसको रसूलपुर थाना क्षेत्र के आसफाबाद चौराहे पर स्थित राधिका नर्सिंग होम लेकर पहुंचे। यहां उपचार के दौरान महिला की हालत बिगड़ने पर चिकित्सक ने उसे रेफर कर दिया। परिजन महिला को निजी चिकित्सक के यहां लग गए। यहां से भी आगरा रेफर कर दिया गया। रास्ते में महिला ने रास्ते में दम तोड़ दिया। घरवाले शव लेकर राधिका नर्सिंग होम पहुंचे और जमकर हंगामा किया था। इस मामले में निजी नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
राधिका नर्सिंग होम सील
राधिका नर्सिंग होम में हुए हंगामे के बाद पुलिस ने अस्पताल को बंद करा दिया था। शनिवार को नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने अस्पताल को सील कर दिया। यह अवैध रूप से संचालित हो रहा था। इसका पंजीकरण नहीं था और न ही कोई डॉक्टर तैनात था। वहीं एमआई सिद्धार्थ हॉस्पिटल बंबा बाईपास पर बुखार से पीड़ित एक मरीज भर्ती मिला। मरीज को डिस्चार्ज कराकर अस्पताल सील कर दिया। इसे पूर्व में भी सील किया जा चुका है। बंबा बाई पास स्थित गंगा देवी हॉस्पिटल टीम को बंद मिला। इस पर लगे बोर्ड को टीम ने उतरवा दिया।
इन अस्पतालों को नोटिस
फिरोजाबाद क्लब के पास स्थित प्रेम हॉस्पिटल में ऑपरेशन और डिलीवरी के कई मरीज भर्ती थे। यहां कोई डॉक्टर नहीं मिला, न ही अस्पताल में ट्रेंड पैरामेडिकल स्टाफ था। रिन्यूअल भी नहीं कराया गया था। नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने पांच दिन में अभिलेख दिखाने के लिए कहा है। अन्यथा अस्पताल को सील करने की चेतावनी दी है। महालक्ष्मी अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मिला। संचालक ने बताया कि सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण कराया है। हालांकि मौके पर नहीं दिखा सके। टीम ने नोटिस जारी कर पांच दिन में रजिस्ट्रेशन दिखाने के निर्देश दिए हैं।
अवैध अस्पतालों के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
सीएमओ डॉ. दिनेश प्रेमी ने बताया कि दो अस्पतालों को सील किया गया है, तीन अस्पतालों को नोटिस दिए हैं। यह अभियान जारी रहेगा। जिन्हें नोटिस दिया है, वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके तो उनको भी सील किया जाएगा।
कागजों में घट गए अस्पताल
जिले में कागजों में अस्पताल घट गए। जनपद में बीते साल 263 अस्पतालों ने पंजीकरण कराया था। इसके बाद नए अस्पताल और खुले हैं। मगर, 218 के ही रजिस्ट्रेशन इस साल हुए हैं। यही नहीं कई अवैध अस्पताल/क्लीनिक जनपद के गली, मोहल्लों में संचालित हो रहे हैं।
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