उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर, 2 मरीजों में मंकीपॉक्स जैसे पाए गए लक्षण

Admin4
27 July 2022 10:13 AM GMT
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर, 2 मरीजों में मंकीपॉक्स जैसे पाए गए लक्षण
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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भी अब मंकीपॉक्स बीमारी से लोगों में घबराहट होने लगी है, क्योंकि गाजियाबाद में दो मरीजों को मंकीपॉक्स जैसी बीमारी के लक्षण पाए जाने का मामला सामने आया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने दोनों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं और इसे गंभीरता से लेते हुए पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। साथ ही इसके बारे में लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है। उधर, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को आइसोलेट करते हुए अलग बेड की भी व्यवस्था की गई है, ताकि समय रहते ही मरीज को उचित चिकित्सा मुहैया कराई जा सके।

गाजियाबाद में 2 मरीजों को मंकीपॉक्स जैसे लक्षण पाए गए

जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद में एक मरीज को पहले बुखार हुआ, फिर अचानक ही मरीज के गले और मुंह के अंदर छाले व शरीर पर अलग तरह के दाने यानी मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखाई दिए। हालत बिगड़ी तो मरीज को दिल्ली एलएनजेपी अस्पताल रेफर किया गया और उसके सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए। इसके अलावा एक अन्य मरीज को भी इस तरह के लक्षण दिखाई दिए उसे भी घर पर आइसोलेट करते हुए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सचेत हो गया है। कोरोना की तरह अलग से एक वार्ड तैयार किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग आया अलर्ट मोड पर

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मंकीपॉक्स वायरल बीमारी की तरह है। इसमें मरीज को सबसे पहले तेज बुखार के साथ-साथ गले में गांठ और मुंह वह गले के अंदर छाले के अलावा शरीर पर अलग तरह के दाने उभर आते हैं। गाजियाबाद में भी दो मरीजों को इस तरह के लक्षण पाए गए हैं, जिनके सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं और उचित उपचार शुरू कर दिया गया है। सभी को इस वायरल बीमारी से बचने के लिए जिस तरह से कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा गाइडलाइंस जारी की गई थी। उन सभी गाइडलाइन का किया जाए तो इस वायरल बीमारी से भी बचाव संभव है। उन्होंने बताया कि यदि किसी भी मरीज को इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग को सूचित करते हुए जांच कराएं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसके लिए भी एक अलग वार्ड तैयार कर दिया गया है। ताकि मरीज का उचित उपचार समय रहते ही किया जा सके।

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