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स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना से नहीं जोड़ रहा
प्रतापगढ़: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से बेल्हा में आयुष्मान कार्डधारक अधिकांश मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में वे आयुष्मान कार्ड के तहत पांच लाख रुपये का बीमा होने के बावजूद सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं. जिले में सिर्फ सात निजी अस्पतालों को आयुष्मान कार्डधारक मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है. जबकि इससे तीन गुना अधिक 21 सरकारी अस्पतालों को आयुष्मान मरीजों के इलाज की अनुमति मिली है.
आयुष्मान कार्डधारक अधिकांश मरीजों को भरोसा होता है कि बीमार होने पर वे बिना रुपये के निजी अस्पताल में भर्ती होकर पांच लाख रुपये तक का इलाज करा सकेंगे. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रवैये से जिले में निजी अस्पतालों से अधिक सरकारी अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है. जिले में इस समय स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस लेकर 70 निजी अस्पताल चल रहे हैं. लेकिन इनमें से सिर्फ सात निजी अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है. दूसरी ओर 21 सरकारी अस्पताल जिनमें अधिकांश सीएचसी हैं, उनको आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई है. हालत यह है कि सरकारी अस्पतालों में जहां 770 आयुष्मान कार्डवाले मरीजों ने इलाज कराया वहीं निजी अस्पतालों में सिर्फ 387 मरीज ही इलाज करा सके. इस बारे में आयुष्मान विभाग के कर्मचारियों का तर्क है कि निजी अस्पताल आयुष्मान के मानक नहीं पूरे कर रहे हैं इसलिए उन्हें आयुष्मान मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है. जबकि लोगों का कहना है कि यह बहानेबाजी लगती है. उनका तर्क है कि जिन निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने रजिस्ट्रेशन देकर इलाज की अनुमति दी है उन्हें आयुष्मान मरीजों के इलाज की अनुमति न देना संदेह पैदा करता है. यही नहीं कुछ लोग तो उन सीएचसी व पीएचसी की निजी अस्पतालों से तुलना करने लगते हैं जहां पर्याप्त सुविधांए न होने के बावजूद आयुष्मान योजना के तहत इलाज की अनुमति दी गई है.