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गाजियाबाद न्यूज़: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग ने प्रसव पूर्व गर्भवतियों की जांच में निर्धारित समय से पहले ही बाजी मार ली है. स्वास्थ विभाग ने 130 प्रतिशत गर्भवतियों की जांच की है. इसे उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है और स्वास्थ्य अधिकारी इससे काफी उत्साहित हैं.
मातृत्व स्वास्थ्य के लिए हर माह की नौ तारीख को हर गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की सुविधा दी जाती है. एएनसी का उद्देश्य समय रहते हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) को चिन्हित करना है, ताकि सुरक्षित प्रसव कराया जा सके. वर्ष-2022-23 में जनवरी माह तक जिले में 1,02,394 गर्भवती को एएनसी सेवा मिली. यह संख्या मार्च-2023 तक के लिए निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 130 प्रतिशत है. वर्ष 2022-23 के लिए 94,504 गर्भवती पंजीकरण का लक्ष्य था. पंजीकृत गर्भवतियों में से 80,753 कुल चार एएनसी करा चुकी हैं, जबकि पहले त्रैमास में एएनसी प्राप्त करने वाली गर्भवती 76.57 प्रतिशत हैं. जनपद में दस माह के दौरान कुल 2364 गर्भवती हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली चिन्हित की गईं. प्रतिशत की बात करें तो यह आंकड़ा 2.31 प्रतिशत है. इतना ही नहीं इस दौरान 2364 गर्भवती गंभीर रक्त अल्पता से पीड़ित मिलीं.