उत्तर प्रदेश

प्रदेश के 4,600 स्वास्थ्य केंद्रों पर होगी हेल्थ एटीएम की व्यवस्था, निशुल्क होगी जांच

Admin Delhi 1
15 Sep 2022 6:56 AM GMT
प्रदेश के 4,600 स्वास्थ्य केंद्रों पर होगी हेल्थ एटीएम की व्यवस्था, निशुल्क होगी जांच
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लखनऊ: प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर (Health Infrastructure) का कायाकल्प करने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) बुधवार को गोरखपुर के पहले हेल्थ एटीएम का शुभारंभ किया। हेल्थ एटीएम का शुभारंभ करने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांग जनों में ट्राई साइकिल वितरित की और दिव्यांगजन हेतु शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए यूनिक आईडी कार्ड बनवाने की अपील की।

"हेल्थ एटीएम की हाईटेक सुविधा उपलब्ध": मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "स्वास्थ्य लोकहित से जुड़ा विषय है। प्रदेश सरकार हर व्यक्ति को त्वरित, सुलभ और अत्याधुनिक चिकिसा और इससे संबंधित जांच की सुविधा देने को पूरी संवेदनशीलता के साथ संकल्पित है। लोक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के दृष्टिगत सरकार अगले तीन महीने में प्रदेश के सभी 4,600 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम की हाईटेक सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है।"

5 मिनट में 50 से अधिक जांच: सीएम योगी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने में हेल्थ एटीएम की निर्णायक भूमिका होगी। हेल्थ एटीएम स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकी की अद्यतन महत्ता का एक छोटा सा उदाहरण है। स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम लगने के बाद गांव का व्यक्ति भी केंद्र पर जाकर 5 मिनट में 50 से अधिक जांच करा सकेगा। उन्होंने कहा कि हेल्थ एटीएम वर्तमान की आवश्यकता है। सरकार की मंशा है कि अगले दो से तीन महीने में गोरखपुर के सभी स्वास्थ्य केंद्र हेल्थ एटीएम से आच्छादित हो जाएं।

तीन से पांच मिनट में हो जाएगी 59 जांचे : योगी

सीएम योगी ने कहा कि हेल्थ एटीएम से करीब 59 प्रकार की जांच एक ही जगह पर बैठे 3 से 5 मिनट में हो जाएगी। इसकी जांच रिपोर्ट को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टर को ऑनलाइन भेजकर उचित चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि हेल्थ एटीएम में वजन, पल्स रेट, जैसी सामान्य जांच के साथ ही कार्डियक, ब्लड शुगर, यूरिन, डेंगू, मलेरिया, हेपेटाइटिस, आर्थराइटिस प्रोफाइल, प्रेगनेंसी टेस्ट, टाइफाइड जैसी महत्वपूर्ण जांच भी हो जाएगी।

"एटीएम नेटवर्क से भी जुड़ा रहेगा":

योगी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से अक्सर शिकायत मिलती थी कि पीएचसी-सीएचसी पर विशेषज्ञ डॉक्टर की उपलब्धता नहीं हो पा रही। टेली कंसल्टेंसी से जुड़े हेल्थ एटीएम इस समस्या का समाधान करेंगे। हेल्थ एटीएम नेटवर्क से भी जुड़ा रहेगा जिससे टेली कंसल्टेंसी की जा सके। इसके लिए सभी सीएचसी-पीएचसी को वाई फाई से लैस कर टेली कंसल्टेशन से जोड़ा जा रहा है। सीएम ने कहा कि हेल्थ एटीएम सीएसआर फंड से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सर्विस प्रोवाइडर से ही पैरामेडिक्स को हेल्थ एटीएम संचालन की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।

सभी जिला अस्पतालों में उपलब्ध करा रहे निशुल्क डायलिसिस सुविधा : सीएम

उन्होंने ने कहा कि सरकार सभी जिला अस्पतालों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करा रही है। करीब 64 जनपदों में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। शेष जिलों में भी इसे शीघ्र उपलब्ध करा दिया जाएगा।

"आरोग्य मेला से लाभान्वित हो रहे लाखों लोग"

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार स्वास्थ्य को लेकर क्या कर रही है, इसकी एक झलक प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों में देखी जा सकती है। इन आरोग्य मेलों में 2.5 से 4 लाख लोग निशुल्क जांच, परामर्श और दवा की सुविधा से लाभान्वित हो रहे हैं। सीएम आरोग्य मेले से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ करने में मदद मिली है। स्वास्थ्य सुविधा सुदृढ़ होगी तो मातृ और शिशु मृत्यु दर भी कम होगी।

40 सालों में 50 हजार मासूमों की मौत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 के बाद से पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र के कायाकल्प का भी उल्लेख किया। 1977 से 2017 तक 40 सालों में 50 हजार मासूमों की मौत इंसेफलाइटिस से हो गई थी। 2017 के बाद से धीरे धीरे इस पर नियंत्रण पाया गया। इस वर्ष जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) और एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) के कुल 40 मरीज मिले हैं। 7 मरीज जेई के हैं और सुखद बात यह है कि इनमें से एक भी मरीज की मौत हुई है। जबकि पहले प्रतिदिन 15 से 20 मौतें हो जाती थी।

गोरखपुर में एम्स की सेवाएं भी शुरू : मुख्यमंत्री

उन्होंने कहा कि 5 साल पहले जिस बीआरडी मेडिकल कॉलेज की हालत खराब थी, वही कोरोना काल में इलाज की निर्णायक भूमिका में दिखा। अब तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक शुरू हो चुका है और इसके साथ ही गोरखपुर में एम्स की सेवाएं भी शुरू हो गई हैं। जिला अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों का भी उन्नयन हुआ है। उन्होंने अपील की कि हर पात्र व्यक्ति प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत अपना कार्ड अवश्य बनवा ले ताकि उसे पांच लाख रुपये तक इलाज के लिए बीमा कवर का लाभ मिल सके।

साभार - नितिन पाराशर

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