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जिले में अनदेखी के शिकार हो रहे हैं हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर
अयोध्या। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रारंभिक स्तर पर ही लोगों को इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए खोले गए 181 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से अधिकतर उपेक्षा का शिकार हैं। कहीं स्टाफ की कमी से ताले लटक रहे हैं तो कहीं पर्याप्त दवाएं नहीं हैं। खांसी, जुकाम, बुखार तक के मरीज भी सीएचसी-पीएचसी जाने के लिए मजबूर हैं। जिम्मेदारों का रवैया उदासीन है।
गांव स्तर पर लोगों को बेहतर तरीके से प्राथमिक चिकित्सा नहीं मिल पा रही है। ऐसी स्थिति में महिलाओं, बच्चों और आम लोगों को दूरस्थ कस्बों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ रही है। आंख, कान, नाक, गले आदि से संबंधित बीमारियों की शुरुआती जांच भी नहीं हो पा रही है। कैंसर, मधुमेह आदि की जांच की सुविधा के लिए पहुंचने वालों को भी मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
किसी सेंटर पर नहीं है पर्याप्त स्टाफ
हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर में एक चिकित्सक समेत पांच पैरामेडिकल स्टाफ की आवश्यकता है। जिले के ब्लाकों में खुले इन वेलनेस सेन्टरों पर स्टाफ की कमी है। 83 सेंटर पर स्टाफ नर्स नहीं है। सीएमओ डा अजय राजा ने बताया कि सभी सेंटर बराबर खुल रहे हैं। यदि कोई बंद रहता है तो ग्रामीण शिकायत करें। कुछ सेंटरों पर स्टाफ की कमी है। हाल ही में 17 स्टाफ नर्स आई हैं। इनकी तैनाती जल्द की जाएगी। इससे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar