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प्रतापगढ़: करीब छह महीने पहले पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग) योजना के तहत शासन से मिले साढ़े सात लाख रुपये हेडमास्टर ने पिता और पड़ोसी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर हजम कर लिया. बीईओ के सत्यापन व जांच में गोलमाल की पुष्टि होने के बाद से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप है.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री की ओर से परिषदीय स्कूलों को हाईटेक बनाने के लिए पीएमश्री योजना की शुरुआत की गई थी. योजना के तहत चयनित किए गए परिषदीय स्कूलों को लकदक करने के लिए अलग-अलग किश्तों में शासन से कुल दो-दो करोड़ रुपये का बजट मिलना था. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए जिले के प्रत्येक विकास खंड से एक-एक परिषदीय स्कूल का चयन कर शासन को रिपोर्ट प्रेषित की गई थी. शासन ने इस पर मोहर लगाकर करीब छह महीने पहले प्रत्येक स्कूल को पहली किश्त के रूप में साढ़े सात-सात लाख रुपये का बजट भेजकर निर्माण शुरू कराने का निर्देश दिया था. पीएमश्री स्कूलों की सूची में शामिल विकास खंड रामपुर संग्रामगढ़ के कम्पोजिट विद्यालय विजईमऊ को भी साढ़े सात लाख रुपये का बजट मिला था. यहां तैनात हेडमास्टर शशीन्द्र कुमार शुक्ल ने शासन से मिली धनराशि से निर्माण कराने के स्थान पर अलग-अलग किश्तों में पिता और पड़ोसी के बैंक खाते में ट्रांसफर करा हजम कर लिया.
जांच में हुई गोलमाल की पुष्टि : पीएमश्री योजना के तहत धनराशि मिलने के बाद भी विद्यालय में निर्माण नहीं कराए जाने पर गांव के तकेन्द्र सिंह ने शिकायत कर दी. शिकायत के बाद बीईओ ने जांच की तो गोलमाल की पुष्टि हो गई. बीईओ की ओर से बीएसए को भेजी गई रिपोर्ट में सरकारी धनराशि अपने पिता और पड़ोसी के खाते में ट्रांसफर कराने की पुष्टि की है.
जांच में पीएमश्री योजना के तहत मिली धनराशि के दुरुपयोग की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजकर हेडमास्टर पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है.
-रविंशकर उपाध्याय, बीईओ