उत्तर प्रदेश

हजरतगंज पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले में और चार के खिलाफ चार्जशीट दायर की

Admindelhi1
30 May 2024 7:20 AM GMT
हजरतगंज पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले में और चार के खिलाफ चार्जशीट दायर की
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घोटाले में चार और के खिलाफ चार्जशीट दायर

लखनऊ: निम्न छात्रवृत्ति में 100 करोड़ के घोटाले में चार और के खिलाफ हजरतगंज पुलिस ने चार्जशीट दायर की है. इस बार हाईजिया ग्रुप एंड कालेज के सै. इशरत हुसैन जाफरी, हरदोई के जीविका कालेज ऑफ फार्मेसी सचिव राम गोपाल, फर्रुखाबाद के डॉ. ओम प्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशन के चेयरमैन शिवम गुप्ता, हरदोई के ज्ञानवती कालेज प्रबन्धक सुधीर कुमार का नाम चार्जशीट में है. इससे पहले हजरतगंज पुलिस ने छह आरोपितों के खिलाफ 30 अगस्त, 23 को चार्जशीट दाखिल की थी. जेसीपी उपेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व में एसआईटी जांच कर रही है. पिछले साल 30 मार्च को हजरतगंज कोतवाली में 10 शिक्षण संस्थाओं के 18 लोगों पर केस हुआ था. इसे एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने लिखाया थी. इसमें ईडी भी जांच कर रही है.जांच अभी चल रही है. जल्दी ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी होगी. कई लोगों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं. -उपेन्द्र अग्रवाल, जेसीपी

राज्य उपभोक्ता आयोग ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि विकसित भूखंड देना एलडीए की जिम्मेदारी है. आवंटन से पहले एलडीए को सभी विवाद निस्तारित कर लेना चाहिए था.

समय पर कब्जा न देने से आवंटी को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक नुकसान हुआ. आयोग ने इसे सेवा में कमी मान एलडीए पर दस लाख रुपये हर्जाना लगाया है. आयोग ने आदेश दिया है कि यह रकम 60 दिन में देनी होगी, अन्यथा नौ फीसदी ब्याज समेत अपील की तिथि से देना होगा.

यह आदेश राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पीठ ने दिया है. मुकदमे के अनुसार वन विभाग कॉलोनी विभूतिखंड गोमती नगर निवासी अनिल शुक्ला ने एलडीए से 29 मार्च 10 को गोमती नगर विस्तार सेक्टर-5 में भूखंड खरीदा था. अनिल कब्जा लेने गए तो भूखंड की स्थिति स्पष्ट नही थी. एलडीए के बुकलेट में दावों के मुताबिक मौके पर सुविधाएं नहीं थी. जिला उपभोक्ता आयोग ने 23 नवंबर 16 को एलडीए को आदेश दिया कि एक माह में कब्जा दिलाए. एलडीए ने राज्य उपभोक्ता आयोग में दलील दी कि उपभोक्ता को बता दिया था कि क्षेत्रीय लोगों के विरोध से विकास नहीं हो पा रहा है. आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने फैसले में एलडीए को नसीहत दी कि जब विवाद था तो ऐसे भूखंड का आवंटन नहीं करना चाहिए था. यह सेवा में कमी दर्शाता है.

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