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उत्तरप्रदेश | लोहिया संस्थान में न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर युवती के हाथ-पैर हिलने संबंधी परेशानी दूर कर दी है. उसे बोलने में भी दिक्कत थी. डॉक्टरों का कहना है कि अब युवती के हाथ-पैर काफी हद तक सामान्य काम कर रहे हैं.
सीतापुर निवासी 21 वर्षीय युवती के हाथ-पैर बचपन से ही लगातार हिलते रहते थे. चलने-फिरने में भी दिक्कत थी. परिवारीजनों ने कई निजी व सरकारी अस्पतालों में दिखाया. फायदा नहीं मिला तो लोहिया संस्थान लाए. यहां न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने जरूरी जांच कराई तो गंभीर बीमारी डिस्टोनिया का पता चला. दवाओं से राहत न मिलने पर ऑपरेशन की सलाह दी. इसके बाद न्यूसर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार सिंह ने पैलिडोटॉमी तकनीक से ऑपरेशन करने का फैसला किया. लोहिया संस्थान में पहली बार इस तकनीक से ऑपरेशन हुआ है. इसमें गुड़गांव के निजी अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. संजीव श्रीवास्तव की मदद ली गई. स्टीरियोटैक्टिक हेड फ्रेम, सिर के सीटी स्कैन, एमआरआई करके सिर के सटीक हिस्से में छेद करने का स्थान का चुना गया. युवती का ऑपरेशन करीब आठ घंटे चला. डॉ. दीपक सिंह ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है. दो दिन बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. ऑपरेशन पर करीब एक लाख 20 हजार रुपये खर्च आया, जबकि प्राइवेट अस्पताल में यह ऑपरेशन 10 से 12 लाख रुपये में होता.
ऑपरेशन करने वाला दूसरा रोबोट खरीदेंगे
पीजीआई में मरीजों का दबाव बढ़ने के कारण सर्जरी के लिए दो से तीन महीने बाद की तारीख दी जा रही है. इससे निपटने के लिए संस्थान रोबोटिक सर्जरी की संख्या बढ़ाएगा. इसके लिए एक और रोबोट खरीदने का प्रस्ताव शासन को भेजा है.
पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन का कहना है कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सिर्फ पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है. यहां वर्ष 2019 में रोबोटिक सर्जरी शुरू हुई थी. मौजूदा समय में पांच विभागों के मरीजों के ऑपरेशन रोबोट से किए जा रहे हैं. इसमें बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ता. साथ ही कम दर्द के साथ अस्पताल में कम दिन रुकना पड़ता है. संक्रमण का खतरा भी कम होता है. मरीजों की रोबोटिक सर्जरी के प्रति वेटिंग को देखते हुए दूसरा रोबोट खरीदने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. पीजीआई के गैस्ट्रो सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीवीटीएस), इंडोक्राइन सर्जरी, यूरोलॉजी विभाग व पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर रोबोट से ऑपरेशन कर रहे हैं.
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