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वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi-Shringar Gauri Case) पर अदालत का फैसला हिन्दू के पक्ष में आया है। इससे मुस्लिम पक्ष (Muslim side) को बड़ा झटका लगा है। अदालत के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष ने बड़ा फैसला करते हुए कहा है कि, वे अब हाईकोर्ट का रुख करेंगे। जिला जज विश्वेश ने कहा है कि, यह मामला सुनने योग्य है। जज के फैसले के बाद मौलाना खालिद राशिद ने कहा कि, "बाबरी मस्जिद के जजमेंट के दौरान वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो बातें कही थी उससे यह लगने लगा था कि अब देश में मंदिर-मस्जिद का मसला खत्म हो गया है, लेकिन उसके बावजूद भी इस तरीके मुद्दे आ रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि, "हमारी लीगल टीम स्टडी करके अगला कदम उठाएगी। सैकड़ों सालों से लोग वहां पर नमाज अदा कर रहे हैं।" मौलाना ने अपील की "सब लोग शांति रखें क्योंकि यह एक लीगल मसला है, जिसका फैसला अदालत में ही होना है।" अदालत ने हमारी बहस को मान लिया कोर्ट के फैसला आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, 'कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है। मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि, याचिका सुनवाई योग्य है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।'
ये हिंदू समुदाय की जीत वहीं, ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि, "ये हिंदू समुदाय की जीत है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को है। आज का दिन ज्ञानवापी मंदिर के लिए शिलान्यास का दिन है। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।" भारत आज खुश इसके अलावा, हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने कहा है कि, "भारत आज खुश है, मेरे हिंदू भाइयों और बहनों को जश्न मनाने के लिए दिया जलाना चाहिए।" वाराणसी की अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी परिसर को लेकर दायर मुकदमा नंबर 693/2021 (18/2022) राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य पर कहा कि उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है।
Rani Sahu
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