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जिला स्तर पर ली गई बैठक में गैस वितरकों को दिए दिशा-निर्देश
मेरठ: सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत छोटे परिवारों के लिए अब दो और पांच किलो गैस वाले मिनी सिलेंडर राशन विक्रेताओं के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके संबंध में जिला स्तर पर ली गई बैठक में गैस वितरकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए। विकास भवन में दोपहर आयोजित बैठक में जिले भर के गैस वितरकों को आमंत्रित किया गया।
जिसमें जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार सिंह ने प्रदेश मुख्यालय से जारी किए गए निर्देश से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जनपद में मौजूद 81 गैस एजेंसियों के माध्यम से हर राशन विक्रेता के यहां पांच-पांच मिनी गैस सिलेंडर इसी सप्ताह उपलब्ध कराए जाने की योजना है। गैस कंपनियों की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले दो किलो और पांच किलो के इन मिनी सिलेंडर की जमानत राशि 500 रुपये जमा कराते हुए गैस की कीमत अलग से ली जाएगी।
इन सिलेंडरों को राशन विक्रेता के यहां रिफलिंग कराने की व्यवस्था रहेगी। इससे सबसे बड़ा लाभ यह रहेगा कि बाजार में बिक रहे मिनी सिलेंडरों के चलते जो खतरे की आशंका बनी रहती है, उससे उपभोक्ता स्वयं को सुरक्षित महसूस करेंगे। इसके अलावा गैस के दाम सरकार की ओर से निर्धारित रहेंगे। जबकि बाजार में ब्लैक में गैस भरने की बात सामने आती है।
जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि उपभोक्ता राशन विक्रेता से संपर्क करके अपनी जरूरत के अनुसार मिनी सिलेंडर बुक करा सकते हैं। इसके अलावा बैठक में जिला कोर्डिनेटर गौरव कुमार ने सुरक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन गैस उपभोक्ताओं के यहां पाइप पांच साल पूरे कर रहे हैं, उनके पाइप बदलवाने के लिए अभियान चलाया जाए।
इसके अलावा उपभोक्ताओं को जागरूक करने का अभियान भी चलाया जाए। इसके अलावा बैठक के दौरान उज्जवला योजना में गांव में लगने वाली चौपाल की समीक्षा की गई। शासन के नई गाइडलाइन के बारे में एलपीजी वितरकों को विस्तार पूर्वक बताया गया। घटतौली और ओवर रेटिंग के संबंध में मिलने वाली शिकायतों को लेकर वितरकों से चर्चा की गई, तथा इस प्रकार की कोई शिकायत मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
इसके अलावा कुछ स्थानों पर अनाधिकृत रूप से गाड़ी खड़ी करने के बारे में भी विभाग के पास शिकायतें पहुंचने की बात सामने आई। घरेलू एलपीजी सिलेंडरों का व्यवसायिक प्रयोग रोकने पर बल दिया गया। इसके संबंध में वितरकों के साथ-साथ सेल्स आॅफिसर और पूर्ति विभाग की संयुक्त टीम को यह दायित्व दिया गया कि जहां ऐसा प्रयोग मिले उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।