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गोरखपुर: राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) ने स्क्रैप का कारोबार करने वाली तीन फर्मों की ओर से आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) में किए जा रहे गोलमाल का खुलासा किया है. मामला तब पकड़ा गया, जब ई-वे बिल ट्रैक करने पर कोई भी वाहन निर्धारित रूट पर नहीं मिला.
इन वाहनों के अन्य रूट से गुजरने के सबूत मिलने के बाद फर्मों की जांच की गई. जांच में माल की खरीद पर देय कर सत्यापित न होने पर कारोबारियों से 54 लाख हजार 251 रुपये जमा कराए गए. स्क्रैप का कारोबार करने वाली ये तीनों फर्में गोरखपुर, कुशीनगर व देवरिया की हैं.
राज्य कर के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-दो गोरखपुर जोन संजय कुमार के निर्देश पर उप आयुक्त सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीम ने रेकी व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए प्राप्त जानकारी के आधार पर तीनों फर्मों की जांच की. अंबे ट्रेडर्स रामूडिहा सोनबरसा, करन ट्रेडर्स खोह्वा, तुर्कडीहा पिपराइच-हाटा रोड कुशीनगर तथा मां अंबे ट्रेडर्स, पिपरा नायक रामपुर गौनरिया, नरायणपुर देवरिया की जांच में वाहनों के लिए जारी ई-वे बिल को ट्रैक किया गया, तो वाहन तय रूट की बजाय दूसरे रूट पर चलते मिले. साथ ही खरीद पर देय कर का सत्यापन नहीं पाया गया.
जिसके बाद संबंधित फर्मों से क्रमश 13 लाख 598 रुपये, 24 लाख 56 हजार 769 तथा लाख 60 हजार 884 रुपये जमा कराया गया. जांच के बाद इन फर्मों को अभी और जुर्माना भरना पड़ सकता है. जिन कारोबारियों ने इन फार्मों से माल खरीद कर आइटीसी का लाभ लिया है, उन्हें भी आटीसी वापस करना पड़ सकता है.