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उत्तरप्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित स्कूलों में शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए खेल -खेल में सीखने की प्रवृत्ति को विकसित किया जाएगा. बच्चों को बोलने में भी दक्ष बनाया जाएगा. वहीं गणित को छोड़कर कोई भी क्लास 30 मिनट से ज्यादा की नहीं होगी.
जनपद के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का दबाव कम करते हुए अन्य मनोरंजक गतिविधियों के जरिए सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. बच्चों को बेसिक गणित में मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा. कक्षा में गणित की तीस मिनट की कक्षा होगी. अन्य विषयों को बच्चों की रुचि के अनुसार पढ़ाया जाएगा. इससे आसपास के वातावरण और विकास की लगातार मैपिंग भी होगी, ताकि उन्हें उसी दिशा में आगे बढ़ाया जा सके. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में 446 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूल है, जहां करीब एक लाख छात्र -छात्राएं पढ़ाई करते हैं. ज्यादातर छात्रों को गणित जैसे विषय को समझने में परेशानी होती है. इसी के चलते गणित विषय पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और बेसिक को मजबूत करने पर फोकस रहेगा. विभाग की ओर से इसके लिए पूरा फॉर्मेट तैयार कर लिया गया है. इसके तहत बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और चेतना विकसित करने पर फोकस किया जाएगा. बीएसए ने बताया कि पाठ्यक्रम में कहानी और खेल आदि को शामिल किया जाएगा, ताकि छात्र जल्दी सीख सकें. वहीं, खेल-खेल में पढ़ाई और अक्षरों की बारीकियां भी सीखाई जाएंगी. इसके अलावा जिस विषय में बच्चे कमजोर होंगे, उस पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. बीएसए का कहना है कि गणित के बुनियादी स्तर को मजबूत करने के लिए बच्चों को फ्री टाइम कक्षा में पढ़ाया जाएगा. बच्चों के लिए नए सत्र से गणित को छोड़कर कोई भी कक्षा 30 मिनट से अधिक तक नहीं चलेगी.
छात्र-छात्राओं के लिए तीन लक्ष्य रखे
बच्चों की ज्यादातर पढ़ाई उन्हें अलग-अलग गतिविधियों से जोड़कर कराई जाएंगी, जो रूचिकर और जल्द सीखने वाली होंगी.इस पर अमल करने के लिए छात्रों के लिए तीन लक्ष्य तय किए गए हैं. जिसमें बेहतर स्वास्थ्य और अच्छी समझ, बोलचाल में दक्षता और तीसरा लक्ष्य लगातार सीखने की प्रवृत्ति को छात्रों में विकसित करना है.
शुरुआती शिक्षा बेहतर करने का प्रयास
जिले के स्कूलों में बाल वाटिका (प्ले स्कूल) और पहली तथा दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद मिश्रा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बाद इसे स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि बच्चों की शुरुआती शिक्षा बेहतर होगी, तो आगे भी शिक्षा बेहतर ही रहेगी.