उत्तर प्रदेश

शासन की खेलों को बढ़ावा देने की नई योजना, शिक्षण संस्थानों द्वारा रूपए डकारना होगा मुश्किल

Admin Delhi 1
8 Oct 2022 10:28 AM GMT
शासन की खेलों को बढ़ावा देने की नई योजना, शिक्षण संस्थानों द्वारा रूपए डकारना होगा मुश्किल
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मेरठ न्यूज़: छात्रों से खेल के नाम पर वसूले जाने वाले शुल्क का शिक्षण संस्थानों द्वारा डकारने का खेल अब नहीं चल सकेगा। प्रदेश के सभी सरकारी व निजी संस्थानों को अब यह शुल्क खेल आयोजनों पर ही खर्च करना होगा। प्रदेश के लगभग सभी संस्थान अपने विद्यार्थियों से इस मद में हर साल शुल्क वसूलते हैं। पर प्रबंधन न तो प्रतियोगिताओं का आयोजन कराता है और न ही छात्रों को किसी खेल का नियमित अभ्यास कराया जाता है। यही नहीं कुछ संस्थान तो इस राशि का उपयोग अपने निजी उपयोग में कर देते हैं। इस संबंध में मिली शिकायतों को देखते हुए शासन की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर इस शुल्क का इस्तेमाल हर हाल में खेल पर ही खर्च करने की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। आदेशों में यह भी कहा कि इस राशि को वास्तव में खेल संबंधी गतिविधियों पर ही खर्च करने के बारे में जानकारी की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं है। इसके चलते ही संस्थान इसका दुरुपयोग करते हैं। इसे देखते हुए एक ऐसी व्यवस्था बने, जिससे कि राशि का दुरुपयोग न हो पाए। इसके साथ ही उन्होंने सभी शिक्षण संस्थानों में खेल को अनिवार्य करने के भी निर्देश दिए। बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों से उच्च शिक्षा के स्तर तक परंपरागत व आधुनिक शिक्षा प्रणाली के बीच नई अद्भूत संगति देखने को मिल रही है। वहीं खेल की बात करे तो अब छात्र-छात्राओं को खो-खो, गिल्ली डंडा जैसे खेलों का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। हालांकि स्कूलों में खो-खो प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती रही हैं।

स्कूलों को कम से कम दो खेल प्रतियोगिता में लेना होगा भाग: माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ खेल पर भी पूरा जोर दिया जाएगा। स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का वास होता है, इसके महत्व को समझते हुए सभी स्कूल अपने विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे कि वह खेल-कूद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। सभी माध्यमिक स्कूलों को कम से कम दो खेल प्रतिस्पर्धा में अपने विद्यार्थियों को प्रतिभाग कराना अनिवार्य होगा। अगर कोई विद्यालय ऐसा नहीं करता है तो जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 25 जुलाई से पांच नवंबर 2022 तक जिला स्तर से राज्य स्तर तक आयोजित होने वाली खेलकूद प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों को बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने का अवसर दिया गया है। किसी भी कीमत पर विद्यार्थी को इसमें प्रतिभाग करने से न रोका जाए। प्रार्थना सभा के बाद 20 मिनट शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी) जरूर कराई जाए।

प्रदेश स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में 19 वर्ष से कम आयु के सीनियर वर्ग में, 17 वर्ष से कम आयु के जूनियर वर्ग में और 14 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को सब जूनियर वर्ग में शामिल किया जाएगा। फुटबाल, हाकी, तैराकी, बैडमिंटन, कबड्डी, वालीबाल, खो-खो, क्रिकेट, हैंडबाल, जिमनास्टिक, बाक्सिंग व रायफल शूटग आदि की जिला, मंडल व राज्यस्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

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