उत्तर प्रदेश

प्रशासनिक अधिकारियों के गठजोड़ से बिक गई सरकारी भूमि, भूमाफियाओं ने 500 करोड़ में बेची

Admin Delhi 1
6 Jan 2023 8:41 AM GMT
प्रशासनिक अधिकारियों के गठजोड़ से बिक गई सरकारी भूमि, भूमाफियाओं ने 500 करोड़ में बेची
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कंकरखेड़ा: वक्फ बोर्ड, सेंट्रल बैंक सोसायटी की जमीन बेचने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया हैं। इसमें कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गयी हैं। अब पुलिस इस पूरे प्रकरण की विवेचना करेगी। जिन लोगों के कंधों पर सरकारी भूमि की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, उन्हीं की मिलीभगत से कंकरखेड़ा में सबसे बड़ा जमीन घोटाला हो गया। सरकारी कर्मचारियों की सांठगांठ से भू-माफिया ने 500 करोड़ की सरकारी भूमि को बेच डाला। कुछ स्थानों पर अवैध रूप से कॉलोनिया खड़ी कर दी गई। इस पूरे प्रकरण में सरकारी कर्मचारी भी जांच के घेरे में आ गए हैं।

आखिर 500 करोड़ की भूमि भू माफियाओं ने कैसे बेच डाली? भाजपा के घोषणा पत्र में भू माफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के सख्त आदेश थे। मुख्यमंत्री योगी के भी यही आदेश है कि वह भू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लेकिन कंकरखेड़ा में सरकारी कर्मचारियों के गठजोड़ से 500 रुपए करोड़ रुपए से अधिक भूमि भेच दी गई। श्रद्धापुरी निवासी गुलबीर ने 7 लोगों को नामजद करते हुए 15-20 अज्ञात भूमाफियाओं के गिरोह के खिलाफ कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

इन्वेस्टिगेशन में कई स्थान पर सरकारी भूमि बड़े स्तर पर बेचने की पुष्टि भी हो गई है। इस मामले में सीओ दौराला भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर जांच करा रहे हैं। कंकरखेड़ा में भू माफियाओं के गिरोह के सदस्यों द्वारा 500 करोड़ रुपए की सरकारी भूमि बेचकर धन अर्जित कर लिया गया। जिसमें राजकीय पट्टों की भूमि, रजवाहे की नाली, चकरोड की भूमि, नाले, नगर निगम की भूमि, मेरठ विकास प्राधिकरण की भूमि, रेलवे की भूमि, बंजर भूमि, बेनामी राजकीय भूमि पर प्रशासनिक गठजोड़ से कॉलोनी अवैध रूप से विकसित कर लोगों को बेच दी गई।

कुछ जगह पर प्लॉटिंग कर दी गई। श्रद्धापुरी निवासी गुलवीर पुत्र राजकुमार ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि भू माफिया का गिरोह कंकरखेड़ा में काफी समय से सरकारी कर्मचारियों के गठजोड़ से सरकारी भूमि बेच रहा है। अब इन लोगों ने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली है। तहरीर के आधार पर कंकरखेड़ा थाने में 7 लोगों को नामजद किया गया है, जबकि 15 से 20 अज्ञात भू माफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।

इन लोगों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज: डिफेंस एनक्लेव ए 420 निवासी अखिलेश गोयल पुत्र तीर्थपाल गोयल, रमेश चंद पुत्र धर्म सिंह, सचिन पुत्र नरेश निवासी डिफेंस, विजय खुराना पुत्र किशोरीलाल निवासी अंकुर एनक्लेव, देवेंद्र निवासी दायमपुर, अशोक मारवाड़ी पुत्र महावीर, नरेश पुत्र सुखपाल के अलावा 15 से 20 अज्ञात भू-माफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

उधर, अखिलेश गोयल का कहना है कि कोई सरकारी जमीन नहीं बेची, उन्हें किसी साजिश के तहत इसमें घसीटा गया हैं। वह एडीजी से भी मिले और जो आरोप उन पर लगाये हैं, उसके प्रमाण पुलिस को उपलब्घ करा दिये गए हैं। जिस जमीन बेचने की बात कहीं गई हैं, उसकी जांच करा ली जाए।

इन धाराओं में किया गया मुकदमा दर्ज: कंकरखेड़ा थाने में सरकारी भूमि बेचने वाले अपराधियों के खिलाफ धारा 420, 447, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

…तो सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई?

प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। प्रथम जांच में सेंट्रल बैंक की कई हजार वर्ग मीटर भूमि पर भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कॉलोनी विकसित कर बेचने की पुष्टि हो गई है। इसके अलावा दायमपुर, फाजलपुर, कासमपुर सहित नंगला ताशी के क्षेत्र में सरकारी भूमि पर कब्जा कर अवैध रूप से बेचने का मामला सामने आया है। इन सभी जगह पर जांच शुरू कर दी गई है।

सरकारी भूमि को बेचने के मामले में इन लोगों के खिलाफ तो मुकदमा दर्ज हो गया है। अब लोगों का कहना है क्या सरकारी कर्मचारी जो इन लोगों के साथ गठजोड़ में शामिल रहे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पुलिस क्षेत्राधिकारी दौराला अभिषेक पटेल का कहना है कि इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जांच शुरू कर दी गई है।

प्रथम जांच में कई जगह भूमि बेचने और उन पर कॉलोनी विकसित कर बेचने की पुष्टि हो गई है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस इन आरोपियों की तलाश में जुटी है। वक्फ बोर्ड की जमीन का उल्लेख भी एफआईआर में जिक्र किया गया हैं। अशोक मारवाड़ी समेत कई लोग वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा कर रहे थे, जिस पर आगे दीवार भी की जा रही थी। इसको 'जनवाणी' ने प्रकाशित भी किया, जिसके बाद से काम बंद पड़ा हैं।

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