उत्तर प्रदेश

Gorakhpur: कल्याण विभाग ने निशुल्क कोंचिंग देने की व्यवस्था की

Admindelhi1
25 Jun 2024 5:13 AM GMT
Gorakhpur: कल्याण विभाग ने निशुल्क कोंचिंग देने की व्यवस्था की
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पैसे खर्च किए बिना यूपीएएसी की तैयारी कर सकेंगे छात्र

गोरखपुर: जिले के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है. जिला समाज कल्याण विभाग ने एक जुलाई से छात्र-छात्राओं को निशुल्क यूपीएससी, नीट, जेईई और यूपीपीसीएस की निशुल्क कोंचिंग देने की व्यवस्था की है. हापुड़ चुंगी स्थित इंग्राहम इंटर कॉलेज में छात्र छात्राएं निशुल्क कोचिंग ले सकेंगे.

जिला समाज कल्याण विभाग अलग-अलग कोर्स के लिए अध्यापकोें का चयन कर रहा है. अनुभवी और पेशेवर अध्यापकों का चयन जिला समिति द्वारा किया जाएगा. जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि जुलाई से छात्र छात्राआें को इंग्राहम इंटर कॉलेज में यूपीएससी, नीट, जेईई और यूपीपीसीएस की निशुल्क कोंचिंग दी जाएगी. कम से कम 100 छात्र-छात्राओं को यहां पर निशुल्क पढ़ाया जाएगा. अनुभवी, पेशेवर और विषय विशेषज्ञ अध्यापक छात्र छात्राओं को कोचिंग देंगे, जिसके लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिला समाज कल्याण विभाग प्रत्येक वर्ष प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग निशुल्क करवाता है, ताकि प्रतियोगी परीक्षा के इच्छुक छात्र छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं झेलनी पड़े. मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत छात्रों को यह सुविधा मिलेगी.

निजी संस्थानों में लाखों की फीस: यूपीएसई, नीट, जेईई और यूपीपीसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए प्राइवेट कोचिंग संस्थान लाखों रुपये सालाना फीस वसूलते है, जिसके कारण आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राएं कोचिंग लेने से वंचित रह जाते है. कई छात्र महंगी फीस देकर भी प्रतियोगी परिक्षाओं में फेल हो जाते है, जिससे वह मानसिक तनाव आ जाता है.

इस कारण रुकी थी योजना: मुख्यमंत्री की अभ्युदय योजना के तहत छात्र छात्राओं को निशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है. यह योजना मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल है. आचार संहिता लागू होने कारण शासन की तरफ से इस योजना पर कोई कार्य नही किया गया था, लेकिन अब शासन की तरफ से योजना के संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

अध्यापकों को प्रति कक्षा मिलेंगे दो हजार: अध्यापकों को 90 मिनट की कक्षा लेनी होगी, जिसके एवज में कार्मिक विभाग प्रति कक्षा दो हजार का भुगतान करेगा. अध्यापक को एक महीने में 30 कक्षा लेनी होगी. अलग अलग विषयों के लिए अलग अलग अध्यापक रखे जाएंगे. पढ़ाने के इच्छुक अध्यापकों को अनुभव प्रमाण पत्र और शैक्षिक प्रमाण जिला समाज कल्याण में जमा करने करने के लिए कहा गया है. अध्यापकों के चयन के बाद छात्र छात्राओं का फीडबैक लिया जाएगा.

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