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Gorakhpur: डॉक्टर को कमीशन देकर चल रहा था अस्पताल, केस दर्ज
गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सामने बिना पंजीकरण के संचालित गोल्ड अस्पताल के संचालक त्रिभुवन निषाद पर केस दर्ज कर लिया गया. चिलुआताल पुलिस ने डिप्टी सीएमओ डॉ. अनिल कुमार सिंह की तहरीर पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. की रात में एक शिकायत के बाद प्रशासनिक टीम अस्पताल में पहुंची थी और जांच में बिना पंजीकरण संचालित होने की बात सामने आई थी.
जानकारी के मुताबिक, गोल्ड अस्पताल में लखनऊ के एक डॉक्टर का भी नाम प्रकाश में आया है. उसके नाम पर 2023 तक अस्पताल पंजीकृत था और संचालक हर महीने इसके बदले 60 हजार रुपये डॉक्टर को देता था. बताया जा रहा है कि एमबीबीएस कर चुके डॉक्टर खुद तो लखनऊ में रहकर प्रैक्टिस करते हैं. जबकि गोल्ड अस्पताल में उनका नाम चलता है. पुलिस ने डॉक्टर का नाम प्रकाश में आने के बाद उनसे बात की. डॉक्टर ने बताया कि वह लखनऊ में प्रैक्टिस करता है. उसने खुद बताया कि उसका नाम गोल्ड अस्पताल में भी चलता है. अस्पताल में छापा पड़ने के बाद वह पुलिस से माफी भी मांग रहा था. फिलहाल जांच के बाद लखनऊ के डॉक्टर पर भी केस दर्ज हो सकता है.
मरीज के बदले देते थे रुपये पुलिस की जांच में सामने आया है कि गोल्ड अस्पताल का संचालक जीएनएम करके किराए के घर में अवैध ढंग से हॉस्पिटल चला रहा था. मरीज के बदले मेडिकल कॉलेज के आस-पास बैठने वाले डॉक्टरों को मोटी रकम संचालक द्वारा दी जाती थी. इसलिए डॉक्टरों के पास आने वाले मरीजों को यहां भेजा जा रहा था. पुलिस इसकी जांच भी कर रही है. यही नहीं, एंबुलेंस चालक और आशा भी यहां मरीज पहुंचाकर लाभ लेती रही हैं.
पड़ा था अस्पताल पर छापा मरीज-माफिया नेटवर्क तोड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने की आधी रात में मेडिकल कॉलेज रोड पर संचालित एक नर्सिंग होम पर छापा मारा. जांच में पाया गया कि जिस डॉक्टर के नाम पर यह अस्पताल संचालित है, उसका पंजीकरण लखनऊ में है. अस्पताल में नौ मरीज भर्ती किए गए थे जिन्हें मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल भेज दिया गया. इसके बाद अस्पताल को सील करा दिया गया.
एक महिला हुई डिस्चार्ज की रात में गोल्ड अस्पताल पर कार्रवाई के दौरान दो महिलाएं गंभीर हालत में भर्ती मिली थी. उन्हें बीआरडी की जनरल सर्जरी विभाग भर्ती कराया गया था. उनमें से एक महिला उर्मिला डिस्चार्ज हो गई.