उत्तर प्रदेश

गोरखपुर: होटल में पहले भी मिल गंदगी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम कार्रवाई

Tara Tandi
24 Sep 2023 11:22 AM GMT
गोरखपुर: होटल में पहले भी मिल गंदगी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम कार्रवाई
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गोरखपुर शहर के होटलों और रेस्टोरेंट में हाईजीन का उल्लंघन हो रहा है। इसकी शिकायत मिलने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम कार्रवाई करती है। शनिवार को बॉबीना होटल में हुई जांच में गंदगी और खराब खाद्य पदार्थ मिला है। इस पर टीम ने नोटिस देकर सुधार करने को कहा है। हालांकि इसके पहले भी यहां पर गंदगी की शिकायत मिल चुकी है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार एक जनवरी 2022 को बॉबीना होटल में हुई जांच में गंदगी मिली थी। इस पर होटल प्रबंधक को नोटिस देकर चेताया गया था कि यदि दोबारा गंदगी मिली या हाईजीन का उल्लंघन किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके पूर्व 30 सितंबर 2021 को भी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने होटल बॉबीना के रेस्त्रां में छापा मारा था। तब गंदगी मिलने के साथ ही स्टोर रूम में चूहे, चींटे और कॉकरोच घूमते मिले पाए गए थे। कई खाद्य सामग्री जमीन पर रखी थी, जिस पर टीम ने होटल प्रबंधन को चेताया था। यहां सॉस का एक नमूना लिया था। इसके अलावा होटल और रेस्टोरेंट में हाईजीन में गड़बड़ी के अलावा वेज और नॉनवेज एक साथ रखे जाने की शिकायत सामने आती है।
दाल और सब्जी में हड्डी मिलने की शिकायत पर हुई जांच
22 नवंबर 2019 को इंदिरा नगर स्थित होटल फाइव सेंस में ग्वालियर से आए एक परिवार ने शाकाहारी खाने के दाल और सब्जी से हड्डी निकलने की शिकायत दर्ज कराई थी। ग्वालियर के डॉ. अशोक पाल सिंह और देवेंद्र प्रताप सिंह परिवार के साथ होटल में खाना गए। उन्होंने दाल मक्खनी, जीरा राइस, मिक्स वेज और बटर नान मंगाया। लोगों ने खाना शुरू किया तो दाल और सब्जी में से हड्डियां निकलने लगीं।
खाने में हड्डियां देख दोनों परिवार के सदस्यों को उल्टी होने लगी। इसकी जानकारी होने पर डॉ. आनंद वहां पहुंचे। उन्होंने पुलिस बुला ली थी। तब डीएम से शिकायत होने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने जांच करके वेज और नॉनवेज के बर्तनों को अलग रखने की हिदायत दी थी।
यह है कार्रवाई का नियम
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार यदि कोई खाद्य पदार्थ मानव जीवन के लिए हानिकारक होता है तो जांच में पुष्टि होने के बाद सिविल कोर्ट में खाद्य विभाग की ओर से केस दर्ज कराया जाता है। इसमें जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है। यदि कोई खाद्य पदार्थ मानव जीवन के लिए हानिकारक नहीं होता है। मगर जांच में उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं पाई जाती है तो एडीएम सिटी कोर्ट में खाद्य विभाग केस दर्ज कराता है। इसमें पांच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
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