उत्तर प्रदेश

गोरखपुर विकास प्राधिकरण पुनरीक्षित के लागू होने के बाद भी जमीनों का भू-उपयोग प्रमाण पत्र नहीं दे रहा

Admindelhi1
11 April 2024 6:46 AM GMT
गोरखपुर विकास प्राधिकरण पुनरीक्षित के लागू होने के बाद भी जमीनों का भू-उपयोग प्रमाण पत्र नहीं दे रहा
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भू-उपयोग प्रमाणपत्र पर रोक

गोरखपुर: गोरखपुर महायोजना 20 (पुनरीक्षित) के लागू होने के बाद भी गोरखपुर विकास प्राधिकरण जमीनों का भू-उपयोग प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है. प्राधिकरण के पोर्टल पर गोरखपुर महायोजना 20 का मानचित्र तो अपलोड कर दिया गया है पर अराजी और खाता नम्बर वार भू-उपयोग अभी अपलोड नहीं है. 20 के महायोजना में अपनी जमीनों का भू उपयोग जानने के लिए काफी लोगों ने आवेदन किया है. 50 रुपये की रसीद की कटाकर नियमानुसार अपनी जमीन का भू उपयोग मांगा है लेकिन प्राधिकरण उपलब्ध नहीं करा रहा है.

इस संबंध में दलील दी जा रही है कि जीडीए, ‘गोरखपुर महायोजना 20 पुनरीक्षित’ पर मार्किंग करने का काम अभी पूरा नहीं कर सका है. मार्किंग के बाद ही भू उपयोग प्रमाण पत्र वितरित किया जाएगा. हालांकि यह कब तक होगा इसकी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है. यह हाल तब है जब प्राधिकरण ने महायोजना लागू करने में ही महीनों लगा दिया.

प्राधिकरण के नगर योजनाकार हितेश शर्मा का कहना है कि जिन लोगों ने प्राधिकरण क्षेत्र में नक्शा पास करने के लिए आवेदन किया है, उनके नक्शा देख कर भू उपयोग का सत्यापन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सत्यापन का कार्य सिर्फ उन क्षेत्रों का चल रहा जो साल 2017 तक बने मास्टर प्लान के हिस्सा रहे. बाकी लोगों का कब तक होगा इसका अभी उनके पास भी कोई जवाब नहीं है.

काम के दबाव में पिछड़ रहा मार्किंग का काम!

इस संबंध में दलील यह दी जा रही है कि प्राधिकरण के नगर नियोजक पर कई अन्य जिलों के मास्टर प्लान को जल्द तैयार करने का दबाव है. इसलिए भी गोरखपुर महायोजना 20 पुनरीक्षित की सेजरा पर मार्किंग का काम पिछड़ रहा है. अब सवाल यह उठ रहा है कि सीएम के जिले से महत्वपूर्ण अन्य जिलों का काम कैसे हो गया जिसे बाद में टाला जा रहा है. प्राधिकरण के कुछ लोगों का यह भी कहना है कि त्रुटि की आशंका के मद्देनजर 50 रुपये शुल्क लेकर लैंडयूज प्रमाणपत्र देने से बचा जा रहा है.

नए मास्टर प्लान के बाद ही तय होगा भू उपयोग

महायोजना-20 पुनरीक्षित 2017 तक के क्षेत्र के हिसाब से तैयार है. इसके बाद प्राधिकरण में शामिल क्षेत्र महायोजना का हिस्सा नहीं हैं. यही कारण है कि नगर पंचायतों चौरीचौरा, मुण्डेरा बाजार, पिपराइच, पीपीगंज एवं 2020 में प्राधिकरण सीमा विस्तार में शामिल 9 राजस्व ग्राम का भू-उपयोग का भी मास्टर प्लान नहीं बनने के कारण भू उपयोग का निर्धारण नहीं हो सका है.

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