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Gonda: नौकरी की आस छोड़कर रोजगार की दिशा में आगे बढ़ना ही बेहतर विकल्प: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

गोंडा: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बृहस्पतिवार को युवाओं को स्वरोजगार अपनाने और सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी को देखते हुए युवाओं को मान लेना चाहिए कि अब नौकरी मिलना आसान नहीं है। इसलिए नौकरी की आस छोड़कर रोजगार की दिशा में आगे बढ़ना ही बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि सरकार ट्रेनिंग से लेकर लोन तक की सुविधाएं दे रही है, जिससे युवा अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ें युवा
राज्यपाल बृहस्पतिवार को जिले के स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित आंगनबाड़ी संसाधन किट वितरण कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने 200 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संसाधन किट, दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल एवं सहायक उपकरण, पात्र लाभार्थियों को भूमि पट्टा तथा महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की। साथ ही, मेडिकल छात्राओं को हाईजीन किट और पोषण पोटली भी प्रदान की गई। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया।
युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया
युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए राज्यपाल ने कहा, “देखिए, सीटें कितनी हैं और आबादी कितनी। इसलिए युवाओं को यह मान लेना चाहिए कि सरकारी नौकरी मिलना मुश्किल है। उन्हें ट्रेनिंग लेकर और लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहिए। सरकार रोजगार सिखा रही है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाकर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।" उन्होंने अयोध्या की एक बेटी का उदाहरण दिया, जिसने सिद्धार्थनगर में पढ़ाई के बाद चाय बनाने का व्यवसाय शुरू किया और अपनी आमदनी बढ़ने पर तीन अन्य लोगों को रोजगार भी दिया।
स्वयं सहायता समूहों की सराहना
राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर समाज के लिए मिसाल पेश कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने और स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।
रील के चक्कर में भविष्य न बर्बाद करें युवा
राज्यपाल ने युवाओं को सोशल मीडिया और रील्स के दुष्प्रभावों से बचने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा, “कैसी-कैसी रील्स बन रही हैं, यह सोचने की जरूरत है। भारत सरकार और राज्य सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सभी को खुद भी सजग रहने की जरूरत है।" उन्होंने माता-पिता को भी बच्चों पर नजर रखने और उन्हें सही संस्कार देने की सलाह दी।
राज्यपाल ने कहा कि गलत संगत और सोशल मीडिया की लत से बचना बेहद जरूरी है। “युवाओं को अपने भविष्य पर ध्यान देना चाहिए और सोशल मीडिया के चक्कर में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।” उन्होंने माता-पिता को बच्चों को अच्छे संस्कार और सही मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी निभाने पर जोर दिया।
मेरठ घटना पर जताई चिंता, युवाओं को दी चेतावनी
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेरठ में हुए साहिल-मुस्कान कांड पर भी चिंता जताई और इसे समाज के लिए चेतावनी बताया। उन्होंने कहा कि “यह घटना युवाओं और माता-पिता के लिए आंखें खोलने वाली है। आज के दौर में सोशल मीडिया और मोबाइल फोन का सही उपयोग बेहद जरूरी है।"
राज्यपाल ने कहा कि “आज पढ़े-लिखे लोग भी अपराध की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे माता-पिता और समाज बदनाम हो रहे हैं।" उन्होंने कहा कि अपराध करके कोई भी सुखी नहीं रह सकता। मेरठ की घटना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "हत्या के बाद व्यक्ति को सजा मिलेगी, 20-25 साल जेल में बिताने पड़ेंगे और अंततः जीवन बर्बाद हो जाएगा।"
माता-पिता को बच्चों पर ध्यान देने की सलाह
राज्यपाल ने कहा कि “माता-पिता को बच्चों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें सही मार्गदर्शन देना चाहिए। अच्छे संस्कार देने और सही दिशा दिखाने से ही बच्चों को गलत राह पर जाने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि “अगर हम पढ़-लिखकर अपने माता-पिता का सम्मान नहीं कर सकते और सही राह पर नहीं चल सकते, तो ऐसी शिक्षा का क्या लाभ?"
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी और जनप्रतिनिधि
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम मिश्रा, मनकापुर विधायक रमापति शास्त्री, गौरा विधायक प्रभात वर्मा, कटरा विधायक बावन सिंह, करनैलगंज विधायक अजय सिंह, विधान परिषद सदस्य अवधेश कुमार सिंह (मंजू सिंह), जिलाध्यक्ष भाजपा अमर किशोर कश्यप (बमबम), आयुक्त देवीपाटन मंडल शशि भूषण लाल सुशील, जिलाधिकारी नेहा शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन और एसपी विनीत जायसवाल सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
