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झाँसी: झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड की परियोजनाओं में करीब 160 करोड़ के घालमेल/अनियमित भुगतान का मामला सीएसी(कैग) द्वारा पकड़े जाने के बाद स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक/चीफ इंजीनियर अरुण कुमार का इस्तीफा चर्चाओं में है. हालांकि नए जीएम को नियुक्त करने के लिए 8 अगस्त को अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद कमर ने आदेश भी जारी कर दिए थे और 11 अगस्त को नए जीएम की नियुक्ती के लिए तीन सदस्सीय टीम ने साक्षात्कार भी लिया. हालांकि नए जीएम की तैनाती को लेकर अभी तक जिम्मेदार अफसरों द्वारा कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है. गौरतलब है कि इससे पूर्व प्रवर्तन दल प्रभारी रिटायर्ड कर्नल एन.एन. वाजपेयी ने भी व्यक्तिगत समस्याओं के चलते इस्तीफा दे दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने कुछ अफसरों पर आरोप लगाए थे.
झांसी शहर को स्मार्ट रूप देने के लिये केंद्र सरकार की झांसी स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड की परियोजनाओं पर कैग की रिपोर्ट ने सवाल खड़े थे. सीएसी की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 झांसी स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड का गठन के बाद से करीब 872.74 करोड़ की लागत से 67 परियोजनाओं पर काम कराया है. इसमें इसमें 450.74 करोड़ की लागत से 40 परियोजनाओं पर काम पूरा करने का दावा किया गया है, जबकि 320.53 की 14 संचालित परियोजनाओं में साल 2019 के दौरान कराए गए कार्यों करीब 160 करोड़ रुपये के अनियमित भुगतान किया गया है. इतना हीं कई बार जिम्मेदारों से जानकारी के बाद भी स्मार्ट सिटी अफसर इसका समुचित जवाब नहीं दे सके. स्मार्ट सिटी का संचालन एक कंपनी के रूप में किया है, लेकिन कंपनी अधिनियम का पालन भी नहीं किया गया. कैग की रिपोर्ट के बाद जहां अफसरों में खलबली मच गई. वहीं तत्कालीन स्मार्ट सिटी के जीएम अरुण कुमार के इस्तीफे की चर्चा ने माहौल और गर्मा दिया. हालांकि बताया जा रहा है कि जीएम अरुण कुमार ने एक माह पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इसी को लेकर अपर नगर आयुक्त/अपर मुख्य कार्यकारी अफसर स्मार्ट सिटी मोहम्मद कमर ने 8 अगस्त को कार्यालय आदेश जारी करते हुये नए जीएम की नियुक्ती को लेकर तीन सदस्यीय अफसरों की कमेटी के गठन की सूचना जारी कर 11 अगस्त को साक्षात्कार आयोजित किया. हालांकि साक्षात्कार के बाद जीएम किसे बनाया गया है, इसकी जानकारी मुहैया नहीं करायी गई है.