- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- स्वास्थ्य केंद्रों पर...
उत्तर प्रदेश
स्वास्थ्य केंद्रों पर शनिवार को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे
Shantanu Roy
16 Oct 2022 10:32 AM GMT
x
बड़ी खबर
फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर शनिवार को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (विश्व हाथधुलाई दिवस) मनाया गया। फर्रुखाबाद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर शनिवार को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (विश्व हाथधुलाई दिवस) मनाया गया। सीएचसी राजेपुर में प्रभारी डा. प्रमित राजपूत के निर्देशन में लोगों को हाथ धोने के तरीके बताए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार का कहना है कि हाथों को स्वच्छ रखकर कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य तरह की संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है, क्योंकि हाथों के जरिये मुंह और नाक के रास्ते कई बीमारियां शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाती हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और आरसीएच नोडल डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि हाथ धुलने की आदत आपको कई बीमारियों से बचा सकती है। हमारे हाथों में अनदेखी गंदगी होती है, जब भी हम किसी वस्तु को छूते हैं या किसी वस्तु के संपर्क में आते हैं, तो वह गंदगी हाथों में छुप जाती है। इसलिए बिना हाथ धोए खाद्य एवं पेय पदार्थ के सेवन से बचें।
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिबाशीश उपाध्याय का कहना है कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों की होने वाली कुल मौत में करीब 17 प्रतिशत निमोनिया और 13 प्रतिशत डायरिया की चपेट में आने से होती है। शुरूआती दिनों में बच्चे इन्हीं दोनों बीमारियों की चपेट में कई बार आते हैं। क्योंकि वह इधर-उधर चीजों को छूने के बाद ऊँगली मुंह में डाल लेते हैं या तो उन्हीं गंदगी से भरे हाथों से कुछ खा पी लेते हैं। यह डायरिया का प्रमुख कारण बनता है। सीएचसी राजेपुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ प्रमित ने बताया कि यह ध्यान रहे कि मां बच्चे को छूने और स्तनपान कराने से पहले, खाना बनाने व खाने से पहले, खांसने-छींकने के फ़ौरन बाद, बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद 40 सेकेण्ड तक हाथों को अच्छी तरह से धुले। हाथों की सही तरीके से धोने के छह प्रमुख चरण बताये गए हैं, जिसे सुमन-के विधि से समझा जा सकता है। एस का मतलब है, पहले सीधा हाथ साबुन-पानी से धुलें। यू- फिर उलटा हाथ धुलें, एम-फिर मुठ्ठी को रगड़-रगड़कर धुलें, ए- अंगूठे को धुलें, एन-नाखूनों को धुलें और के- कलाई को अच्छी तरह से धुलें।
Next Story