उत्तर प्रदेश

अधिकारियों को काम करने की दें ट्रेनिंग

Admin4
28 July 2022 9:03 AM GMT
अधिकारियों को काम करने की दें ट्रेनिंग
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Allahabad High Court News : कोर्ट ने DM बलिया व SDM रसड़ा से आदेश के अनुपालन का हलफनामा मांगा है और जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है। Court ने विवादित संपत्ति पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक को अधिकारियों को अपने कर्तव्य का पालन करने का प्रशिक्षण देने के कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस पुलिस पर नागरिकों के जीवन व उसके संपत्ति की रक्षा का दायित्व है, वही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन न कर मनमानी व अवैध कार्रवाई कर रहे हैं। कोर्ट ने जिलाधिकारी बलिया व एसडीएम रसड़ा से आदेश के अनुपालन का हलफनामा मांगा है और जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विवादित संपत्ति पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है। याचिका की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मोहम्मद सईद की द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए दिया है।

मामले में अपीलार्थी को मकान से बेदखल करने का सिविल वाद लंबित था। बिना कोर्ट आदेश के एसडीएम रसड़ा, जिला बलिया ने कोतवाली पुलिस को मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया। जिस पर कोर्ट ने विपक्षी से दो हफ्ते में जानकारी मांगी है।पुलिस की भूमिका पर कोर्ट ने अपने 12 जुलाई 22 के आदेश से अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था।

ट्रेनी सीओ, एसएचओ कोतवाली उस्मान, दरोगा पुलिस चौकी उत्तरी, रवीन्द्र कुमार पटेल व क्राइम इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम ने कोर्ट के डिक्री का पालन करने का निर्देश दिया था। जिस पर मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई है। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने चिन्हित किया था। जबकि, एसपी बलिया की रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस जबरन घर में घुसी गाली गलौज किया और अपीलार्थी के परिवार को बाहर निकाल दिया। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उसे दरोगा ने कोतवाली बुलाया । किंतु यह नहीं बताया कि उनके कोतवाली पहुंचने से पहले ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा चुकी थी।

पुलिस दल ने तत्परता दिखाई और अवैध कार्रवाई की तथा अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया। सिविल कोर्ट के पावर को मनमाने ढंग से मजिस्ट्रेट ने हड़प लिया। कोर्ट ने एसडीएम के आदेश को अवैध करार दिया है। जिस पर कोर्ट ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के कदम उठाने का निर्देश दिया है।


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