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कानपूर न्यूज़: जाजमऊ की आशियाना कॉलोनी के आवंटियों ने 15 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से फ्लैट पर कब्जे की जंग जीत ली मगर केडीए की हठवादिता कायम रही. अब राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग नई दिल्ली ने केडीए को सख्त आदेश दिया है कि दो माह में कब्जा दें नहीं तो अफसरों को आयोग के सामने हाजिर होना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी जब केडीए ने कब्जा नहीं दिया था तो 86 आवंटियों ने आयोग में अपील की थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम सूरत राम मौर्य ने आदेश दिया कि इस आवासीय योजना में निर्माण कार्य पूरा करें और इसे तारीख से दो महीने के भीतर विनिर्देश के अनुसार पूरा करें. जाजमऊ की आशियाना आवासीय योजना के फ्लैट आवंटियों ने 15 साल बाद पुरानी दरों पर कब्जा पाने की जंग दो माह पहले ही जीती थी. सुप्रीम कोर्ट ने केडीए की तरफ से दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया था.
केडीए के इस आदेश के खिलाफ 64 आवंटियों ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग नई दिल्ली की शरण ली. वहां 4 दिसंबर 2012 से लेकर सितंबर 2022 तक केस चला. 19 सितंबर 2022 को आयोग ने आदेश दिया कि आवंटियों को पुरानी दरों पर ही फ्लैट की मरम्मत कराकर कब्जे दिए जाएं. जब आदेश लेकर आवंटी केडीए पहुंचे तो वहां कहा गया कि इस आदेश को कब्जा नहीं देंगे. इस आदेश को 7 दिसंबर 2022 को केडीए ने आयोग के डबल बेंच में चैंलेज किया. 21 दिसंबर को आयोग ने इसे भी खारिज कर दिया. आवंटी फिर केडीए वीसी से मिले. कमिश्नर के सामने गुहार लगाई. कमिश्नर ने निर्देश दिया कि आवंटियों को कब्जे पुरानी दरों पर दे दिए जाएं. मगर केडीए ने कहा कि अब हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. केडीए ने दिसंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में आयोग के डबल बेंच के आदेश को चैलेंज किया. आशियाना हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष सरदार अहमद खान, मो. जकरिया, अजहर फारुकी, मनीष टंडन, जावेद अहमद, शमा परवीन, सुनीता अग्रवाल और मुजाहिद अहमद कहते हैं कि न्यायपालिका पर हमें पूरा भरोसा था. सुप्रीम कोर्ट ने अब केडीए की अर्जी ही खारिज कर दी है.