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किशोरियां व युवा करते हैं आत्महत्या का सर्वाधिक प्रयास
गोरखपुर: किशोरावस्था और युवावस्था की शुरुआत में मन अधीर होता है. इस उम्र में दिमाग उलझन से भरा होता है. सामाजिक व पारिवारिक दबाव में आत्मबल जल्दी टूट जाता है. इसी अवस्था में लोगों के जेहन में आत्महत्या का विचार भी आता है. कई बार वह इसकी कोशिश भी करते हैं. यह सामने आया है बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग के सर्वे में.
यह सर्वे किया है मेडिकल कॉलेज में मानसिक रोग को छोड़ दूसरे विभाग में भर्ती मरीजों पर. यह मरीज मेडिकल कॉलेज के दूसरे विभागों में भर्ती रहे. उनमें मानसिक रोग के लक्षण देखकर मानसिक रोग विभाग में रेफर किया गया था.
281 मरीज आए रेफरल, 97 ने किया था आत्महत्या का प्रयास यह सर्वे वर्ष 2021 में जनवरी से लेकर अगस्त तक भर्ती रहे मरीजों पर हुआ. मानसिक रोग विभाग में ऐसे 281 मरीज रेफरल आए. यह मेडिकल कालेज के छह विभागों से रेफरल आए थे. जिनमें मेडिसिन से 198, गायनी से 10, आर्थोपेडिक से 26, पीडियाट्रिक से 25, सर्जरी से 15 और टीबी चेस्ट से चार मरीजों को रेफर किया गया. इन मरीजों में से 97 में आत्महत्या के विचार भी थे. खास यह है कि इनमें से बड़ी संख्या में मरीजों ने कोशिश की थी. इनमें 47 महिलाएं व 50 पुरुष शामिल हैं.
70 फीसदी ने खाया था जहरीला पदार्थ उन्होंने बताया कि आत्महत्या की कोशिश करने वाले 97 मरीजों में से 70 ने जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की थी, जबकि 21 फीसदी ने फंदे पर झूल कर आत्महत्या करने की कोशिश की. वहीं नौ फीसदी ने दूसरे तरीके अपनाए.
अवसाद में मिले ज्यादातर मरीज बताया कि इस दौरान इन मरीजों की मानसिक स्थिति का भी आकलन किया गया. आत्महत्या की कोशिश करने वाले ज्यादातर मरीज अवसाद में मिले. कुछ मरीजों में मस्तिष्क भ्रम की स्थिति मिली. कुछ युवा नशे की भी गिरफ्त में थे. उनके जेहन में आत्महत्या का विचार आया.